हवा में टाइगर सफारी : डुमना, घाना, तेवर में जमीन नहीं फाइनल!

हवा में टाइगर सफारी : डुमना, घाना, तेवर में जमीन नहीं फाइनल!

जबलपुर । पर्यटन हब बनाने के तमाम सपनों में एक टाइगर सफारी की आस पिछले करीब 14 वर्षों से फाइलों में ही दम तोड़ रही है। दरअसल डुमना नेचर पार्क में सफारी बनाने को लेकर बड़ा प्लान वर्ष 2004 में तैयार किया गया, लेकिन अभी तक इसके निर्माण को लेकर अभी कहीं भी जमीन को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। असीम नैसर्गिक सुंदरता और प्राकृतिक संपदा को स्वयं में समेटे जबलपुर को पर्यटन हब बनाते हुए इसे चारों ओर से घिरे चान बड़े नेशनल पार्कों सहित अन्य राष्ट्रीय टूरिज्म स्थलों से जोड़ने का वृहद प्लान था, जिसमें जबलपुर में टाइगर सफारी बनाकर यहां पर्यटन बढ़ाने की योजना थी।

घाना-तेवर में भी किया सर्वे

उल्लेखनीय है कि टाइगर सफारी के लिए नए स्थान को तलाश करने की दिशा में शहर के एनएच-7 पर स्थित घाना के पास एवं राजमार्ग-12 पर तेवर के निकट भी जमीन देखी गई। इस दौरान पर्यटन, वन्य जीवन विशेषज्ञों की टीम, वन विभाग, जिला प्रशासन एवं नगर निगम के जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों ने सर्वे भी किया, लेकिन इन दोनों स्थानों पर भी कहीं कोई सहमति नहीं बन सकी।

डुमना नेचर पार्क में ये था पेंच

सबसे पहले एयरपोर्ट मार्ग पर स्थित डुमना नेचर पार्क में टाइगर सफारी के रूप अलग से जमीन देने का प्लान तैयार हुआ। लेकिन यहां पास में एयरपोर्ट होने के कारण डायरेक्टर जनरल आॅफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से अनुमति नहीं मिल पाई, लिहाजा वर्ष 2016 में नई जगह तलाश करने का कार्य शुरू हो गया।

क्या है टाइगर सफारी

एक तरह का अभ्यारण, जहां वन्य जीवों को सरंक्षित रखने के लिए उन्हें नैसर्गिक वातावरण के बीच रखा जाएगा। टाइगर सफारी में बाघ सहित अन्य जंगली जीवों को रखा जाएगा, लेकिन वे नेशनल पार्कों और टाइगर रिजर्व की तरह खुले जंगल में नहीं होंगे। यहां उन्हें निश्चित बाढ़े में रखकर पर्यटकों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। इसके साथ ही जलचर जीवों के लिए तालाब निर्माण, पक्षियों को बसाने के लिए भी माहौल बनाया जाएगा।