तुअर और उड़द दाल की कीमतों पर नियंत्रण रखने स्टॉक लिमिट 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई

केंद्र सरकार ने स्टॉक होल्डिंग लिमिट भी रिवाइज की

तुअर और उड़द दाल की कीमतों पर नियंत्रण रखने स्टॉक लिमिट 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई

नई दिल्ली। केेंद्र सरकार ने तुअर दाल और उड़द दाल की कीमतों पर नियंत्रण और उपलब्धता सुनिश्चित करने स्टॉक लिमिट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। स्टॉक होल्डिंग लिमिट को भी रिवाइज किया है। डिपो में बड़ी चेन रिटेल्स और थोक विक्रेताओं के पास स्टॉक की सीमा 200 से घटाकर 50 मीट्रिक टन कर दी गई है। इससे पहले स्टॉक लिमिट 30 अक्टूबर तक लागू थी। सरकार ने कहा कि स्टॉक सीमा में संशोधन और टाइम पीरियड बढ़ाना का फैसला जमाखोरी को रोकने के लिए किया गया है। इससे बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित होगी और उपभोक्ताओं को यह सस्ती कीमतों पर मिलती रहेगी। इससे पहले सरकार ने 2 जनवरी को स्टॉक लिमिट का नोटिफिकेशन जारी किया था। इम्पोर्टर्स 30 दिन से ज्यादा स्टॉक नहीं रख सकते : इसके साथ ही इम्पोर्टर्स 30 दिन से अधिक स्टॉक नहीं रख सकते हैं। पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी। उपभोक्ता मामले का विभाग स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से तुअर और उड़द की स्टॉक स्थिति की निगरानी कर रहा है, जिसकी राज्य सरकार के साथ साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जाती है।

स्टॉक लिमिट बढ़ाने की दो प्रमुख वजहें

  •  सरकार चाहती है कि त्योहारी सीजन में उपलब्धता बनी रहें 
  • जनवरी से फसल आना शुरू हो जाएगी, इससे सप्लाई बढ़ेगी।

महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है?

महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की ज्यादातर डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो ज्यादा खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने सेडिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है।

कनाडा से मसूर के आयात पर रोक लगाने की मांग

व्यापारियों के संगठन सीटीआई ने केंद्र सरकार से कनाडा से मसूर दाल के आयात पर रोक लगाने का आग्रह किया है। प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में चैंबर आॅफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा कि कनाडा पर आर्थिक दबाव बनाने की जरूरत है। ज्ञात हो कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच विवाद बढ़ गया है।