नाम में क्या रखा है...भैया, दीदी, बाबा, गुड्डा, राजा लिखने से ही मिलते हैंवोट

बैलेट यूनिट पर अपने निक नेम, घराने और व्यवसाय की पहचान बताते हैं कई प्रत्याशी

नाम में क्या रखा है...भैया, दीदी, बाबा, गुड्डा, राजा लिखने से ही मिलते हैंवोट

भोपाल। नाम में क्या रखा है... महान नाटककार शेक्सपीयर की इन लाइनों को हमारे राजनेता बखूबी जानते हैं, शायद इसीलिए चुनावों में अपने मूल नाम के साथ ऐसी पहचान के साथ जाते हैं, जिनसे जनता को कोई गलतफहमी नहीं रहे। विधानसभा चुनाव में लगभग 100 विधानसभा क्षेत्रों में कोई न कोई प्रत्याशी अपनी खास पहचान जैसे प्यार का नाम (निक नेम), घराने की पहचान, जनता का दिया हुआ नाम और जातियों के साथ गांव या शहर के नाम के साथ चुनाव लड़ते हैं। इन नामों को सिर्फ प्रचार में ही इस्तेमाल नहीं किया जाता, बैलेट यूनिट पर भी यह पहचान लिखी जाती है। इस पहचान का प्रत्याशियों को खूब लाभ भी मिलता है।

राजघरानों से जुड़े प्रत्याशी लिखते हैं राजा :

राजघराने के परिवारों से जड़े प्रत्याशी अपने नाम के साथ राजा शब्द का इस्तेमाल करते हैं। चंदेरी से कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह चौहान ‘डग्गी राजा, राजनगर से विधायक विक्रम सिंह ‘नाती राजा’, बिजावर से भुवन विक्रम सिंह ‘केशू भैया राजा’ चुनाव की तैयारी में हैं। महाराजपुर से भाजपा प्रत्याशी कामाख्या प्रताप ‘टीका राजा’ लिखते हैं।

भैया और दीदी सबसे लोकप्रिय:

सबसे ज्यादा भैया और दीदी शब्दों का उपयोग होता है। 2018 के चुनाव में बुरहानपुर से भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनिस ने तो सरनेम हटाकर ‘अर्चना दीदी’ लिखवाया। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ‘संजू भैया’, खुरई से मंत्री भूपेंद्र सिंह ‘भूपेंद्र भैया’, बंडा से तरबर सिंह ‘बंटू भैया’, छतरपुर से आलोक चतुर्वेदी ‘पज्जन भैया’, तेंदुखेड़ा से संजय शर्मा ‘संजू भैया’ लिखते हैं।

गुड्डा-गुड्डू और भैया

रहली: बृजबिहारी पटेरिया ‘गुड्डा भैया’

बहोरीबंद: प्रणय प्रभात पांडे ‘गुड्डा भैया’

वारासिवनी: प्रदीप जायसवाल ‘गुड्डा’

लहार: अंबरीश शर्मा ‘गुड्डू’

सैलाना: हर्ष विजय गहलोत ‘गुड्डू’

बाबा, बाबूजी और साहब: भांडेर से चुनाव लड़ रहे नारायण सिंह ‘बाबूजी’ लिखते हैं। कोतमा से सपाक्स प्रत्याशी रहे किशोरीलाल चतुर्वेदी ‘बाबाजी’ थे। पिछले चुनाव में पथरिया और दमोह से चुनाव लड़े डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ‘बाबाजी’ सिलवानी से निर्दलीय चुनाव लड़े नीलम शाह ने नाम के साथ ‘बाबा साहब’ लिखवाया तो सीधी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे कृष्णकुमार सिंह ने ‘भंवर साहब’ नाम लिखवाया। ब्यावरा से मोतीलाल लोधा के साथ ‘अन्ना साहब’ जुड़ा रहा है।

कलेक्टर समेत प्रोफेशनल पहचान वाले कैंडिडेट:

कई प्रत्याशी अपने नाम के साथ अपने प्रोफेशन का जिक्र करते हैं। श्योपुर से भाजपा प्रत्याशी दुर्गालाल वकील लिखते हैं। गरोठ से भाजपा प्रत्याशी देवीलाल धाकड़, मुरवाड़ा से महेश जैन, मिथलेश जैन एडवोकेट लिखते हैं। बीते चुनाव में शिवपुरी से इंजीनियर पंकज परिहार, जावरा से रघुवर परिहार फौजी, सबलगढ़ से कर्नल उमेश वर्मा। इनके अलावा कई प्रत्याशियों ने रिटायर्ड कलेक्टर (पन्ना लाल सोलंकीविज यपुर) और रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर जैसी पहचान लिखी।

बीते चुनाव के ये नाम सबसे अलग

बुरहानपुर: सुरेंद्र सिंह ठाकुर ‘शेरा’

गोटेगांव: प्रमोद झारिया ‘टाइगर’

छिंदवाड़ा: पत्रकार राजेश ‘तांत्रिक’

महिदपुर: दिनेश जैन ‘बॉस’

त्योंथर: शैलेंद्र पांडे ‘ज्वाला’