इंदौर में खसरे से 11 साल के बच्चे की पहली मौत हुई दर्ज

इंदौर में खसरे से 11 साल के बच्चे की पहली मौत हुई दर्ज

इंदौर। मप्र में एक बार फिर से खसरे का प्रकोप बढ़ने लगा है। गुरुवार को इंदौर शहर में खसरे से पहली मौत हुई है। इंदौर की सघन बस्ती में रहने वाले 11 वर्षीय बच्चे की खसरे से मौत हुई है। बच्चे की मौत की पुष्टि कलेक्टर इलैया राजा टी. ने की है। बता दें कि अब तक कुल 15 बच्चों में खसरे के लक्षण मिले हैं। सभी मरीज 9 साल तक के बच्चे बताए जा रहे हैं।

नोडल टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि 11 वर्षीय बच्चा खजराना क्षेत्र का रहने वाला है। तीन दिन पहले उसके दिमाग में बुखार चढ़ गया था। उसे एक निजी क्लिनिक पर भर्ती कराया गया था। सूचना मिलने पर टीम ने मौके पर पहुंचकर उसकी खसरा की जांच की। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर टीम ने तुंरत उपचार कराना शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि मृतक बच्चे का डेढ़ माह के बाद का कोई भी टीकाकरण नहीं कराया गया है। अब तक कुल 15 बच्चे खसरा की चपेट में है। वहीं, एक बच्चे में रूबेला के लक्षण भी मिले हैं। गौरतलब है कि इंदौर शहर में पिछले सात दिनों में 11 बच्चों में खसरे के मामले सामने आए हैं। वहीं बुधवार को भी 4 बच्चों की रिपोर्ट खसरा पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य महकमा सघन अभियान चलाकर ड्रापआउट बच्चों को ढूंढ़कर खसरा का टीका लगा रहा है। साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए विटामिन की खुराक पिला रहा है।

ये लक्षण दिखें तो तुरंत दिखाएं डॉक्टर्स को

खसरे के टीके की शुरुआत से पहले खसरा बचपन का एक सामान्य संक्रमण था। प्रभावित व्यक्ति शुरू में बुखार, खांसी, नाक बहने, लाल आंखें और मुंह के अंदर सफेद धब्बे के साथ दिखेंगे। यह 3 से 7 दिनों के बाद एक लाल धब्बे त्वचा के चकत्ते द्वारा होता है, जो आमतौर पर चेहरे से शरीर के बाकी हिस्सों में फैलता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर्स को दिखाएं। ऐसे बच्चों को स्कूल न भेजें। वहीं जन्म के लेकर 5 साल के लगने वाले सभी टीके अनिवार्य रूप के लगवाना चाहिए। खासकर 9 माह और 16 माह का टीकाकरण जरूरी है। -डॉ. तरुण गुप्ता, नोडल टीकाकरण अधिकारी

खसरे से मौत कहना जल्दबाजी...

इंदौर में बच्चे की मौत खसरे से हुई यह कहना जल्दबाजी होगी। प्राथमिक तौर पर बच्चे को और भी कई सारी समस्याएं थीं। हालांकि पिछले कुछ सालों में पूरे प्रदेश में खसरे से मौत का मामला सामने नहीं आया है। खतरे से आखिरी बार मौत कब हुई थी, इसकी सटीक जानकारी मैं रिकॉर्ड देखने के बाद ही दे सकता हूं। - डॉ. संतोष शुक्ला, राज्य टीकाकरण अधिकारी