आवारा कुत्तों का आतंक; इस साल 4 शहरों में डॉग बाइट के 1.22 लाख केस

आवारा कुत्तों का आतंक; इस साल 4 शहरों में डॉग बाइट के 1.22 लाख केस

भोपाल। राजधानी के जेपी नगर इलाके में बीते बुधवार को पांच साल की एक बच्ची पर तीन आवारा कुत्तों ने उस समय हमला कर दिया, जब वह अपने घर के बाहर खेल रही थी। गनीमत यह थी कि परिजन पास में ही थे, इसलिए बच्ची को सिर्फ खरोंच ही आई। मध्यप्रदेश में हर साल आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी इनकी संख्या कम नहीं हो रही है। हालत यह है कि इस साल प्रदेश के सिर्फ 4 बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में ही अब तक करीब 1.22 लाख लोग आवारा कुत्तों के हमले में जख्मी हुए। इनमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं। इस तरह हर दिन 300 से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हुए। आवारा कुत्तों के हमले में जख्मी कई लोगों को काफी समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।

हमीदिया और जेपी में ही आए 15 हजार से अधिक केस

राजधानी के जेपी और हमीदिया अस्पताल में ही इस साल अब तक डॉग बाइट के 15,507 मामले आ चुके हैं। हमीदिया में 7,306 और जेपी अस्पताल में 8,201 मामले दर्ज किए गए हैं।

नसबंदी पर हर साल 45 करोड़ रुपए खर्च

नगर निकायों से मिले आंकड़ों की बात करें, तो प्रदेश में कुत्तों की नसबंदी पर हर साल 40 से 45 करोड़ खर्च किए जाते हैं। इनमें राजधानी भोपाल में करीब डेढ़ करोड़ रुपए सालाना खर्च होते हैं। प्रदेश में 16 ननि, 98 नपा और 294 नगर परिषद हैं।

इस साल के प्रमुख मामले

???? अगस्त माह में कोलार में 7 साल की एक बच्ची पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था। बच्ची की आंख और सिर में गंभीर चोट आई थी। बच्ची कई दिनों तक हमीदिया अस्पताल में भर्ती रही।

???? जुलाई में बागसेवानिया इलाके में चार साल की एक बच्ची पर आधा दर्जन आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। उसे गंभीर जख्म आए थे। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। ???? जुलाई में ही टीला जमालपुरा इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड ने एक साथ सात बच्चों पर हमला कर दिया था। इनमें दो बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हुए थे।

तापमान में बदलाव से आक्रामक होते हैं कुत्ते

मौसम में हुए बदलाव का असर कुत्तों की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। अमूमन गर्मियों में कुत्तों के काटने के मामले ज्यादा आते हैं, क्योंकि वे ज्यादा तापमान बर्दाश्त नहीं कर पाते। कुत्तों में बॉडी का टेम्परेचर कंट्रोल करने का सिस्टम अलग होता है। उनमें पसीने वाली ग्रंथियां नहीं होतीं। गर्मियों में कुत्ते चिड़चिड़े हो जाते हैं। इस मौसम में कुत्ते काट रहे हैं, तो हो सकता है उनमें रैबीज के लक्षण हों। - डॉ. एचएल साहू, पूर्व संयुक्त संचालक, पशुपालन विभाग