1 किमी के लिए देने थे 18 करोड़ रुपए, पास कर दिए 251 करोड़

1 किमी के लिए देने थे 18 करोड़ रुपए, पास कर दिए 251 करोड़

नई दिल्ली। दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे को लेकर ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की एक रिपोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार कि कैबिनेट द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के लिए 18.20 करोड़ प्रति किमी का बजट पास हुआ था, लेकिन एनएचएआई ने इसका बजट करीब 251 करोड़ प्रति किमी के हिसाब से पास किया। बजट को लेकर जमीन- आसमान के इस अंतर पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारतमाला परियोजना-1 के तहत बन रहे द्वारका एक्सप्रेववे के लिए कैबिनेट कमेटी ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स की तरफ से 18.20 करोड़ प्रति किमी के बजट का अप्रूवल मिला था। लेकिन बाद में एनएचएआई ने इसका कुल बजट 7287.29 करोड़ रुपए, जो कि 250.77 करोड़ रुपए प्रति किमी तक होता है, पास कर दिया।

50 में से 35 प्रोजेक्ट में नहीं हुआ नियमों का पालन

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को लेकर कई खुलासे हुए हैं, जिनमें 50 में से 35 प्रोजेक्ट हैं, जहां टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। शामली-मुजμफरनगर, दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे समेत कुछ ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जहां प्रोजेक्ट अप्रेजल-टेक्निकल स्क्रूटनी कमेटी में नीति आयोग के किसी सदस्य को शामिल नहीं किया गया था।

केजरीवाल ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई करीब 29 किमी है, इसमें 10 किमी दिल्ली में और बाकी गुरुग्राम में आता है। दिल्ली के महिपालपुर की शिवमूर्ति से शुरू होने वाला ये 14 लेन का एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम में खेरकी टोल प्लाजा तक जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बारे में ट्वीट किया और मोदी सरकार पर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

कैग ने कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी उठाए सवाल

कैग द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें 2017 से 2021 तक के कई प्रोजेक्ट्स का ऑडिट किया गया है जो एनएचएआई के कार्यक्षेत्र में आते हैं। द्वारका एक्सप्रेस-वे के अलावा दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे पर भी सवाल हैं। ऑडिट के मुताबिक ये पूरा प्रोजेक्ट सीसीईए द्वारा अप्रूव किए गए प्रोजेक्ट की लिस्ट में नहीं था, यहां करीब 33 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई ने अपने स्तर पर ही अप्रूव किया।

भारतमाला परियोजना-1 के तहत हो रहा निर्माण

कैग की रिपोर्ट के अनुसार देश में भारतमाला परियोजना-1 के तहत करीब 76,999 किमी हाइवे बन रहे हैं, इनमें 70,950 किमी हाइवे एनएचएआई बना रही है। कंस्ट्रक्शन के दौरान एनएचएआई ने कई फैसले ऐसे लिए हैं, जिनकी कोई जवाबदेही नहीं रही है।