प्रदेश में 3 दिन की बारिश-ओलावृष्टि से 33 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित

प्रदेश में 3 दिन की बारिश-ओलावृष्टि से 33 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित

भोपाल। प्रदेश में ओलावृष्टि से 20 जिलों की 51 तहसीलों में फसलें बर्बाद हुई हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 520 गांवों के 38,900 किसानों की 33,758 हेक्टेयर फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। वहीं 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत हुई। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोमवार को उनके निवास पर ओला पाला पर की गई बैठक में सामने आई। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी सहित राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में बताया गया कि कुल 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे का काम एक सप्ताह में पूरा कर किसानों को राहत उपलब्ध कराई जाए। सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। प्रमुख सचिव, राजस्व मनीष रस्तोगी ने बताया कि 6-7 मार्च को हुई बारिश ने 4 जिलों में 11 हजार किसानों की 15 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी। यह 25 फीसदी से ऊपर है।

नुकसान की सूची पंचायतों में हो चस्पा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे के साथ ही प्रभावित किसानों और उन्हें हुए नुकसान की सूची पंचायतों में चस्पा की जाए। किसानों की ओर से प्राप्त आपत्तियों का निराकरण किया जाए। उनको राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। समय रहते नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे के समानांतर ही फसल बीमा योजना के लिए कार्यवाही की जाए। इससे आरबीसी 6-4 में दी जाने वाली तात्कालिक राहत की राशि और फसल बीमा योजना का सहारा किसानों को मिल सकेगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी।

केंद्र सरकार को राज्यों की रिपोर्ट का इंतजार

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि फसलों को कुछ नुकसान तो हुआ है। हमें राज्य सरकारों से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट नहीं मिली है। राज्य सरकारें रिपोर्ट जमा करती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत मुआवजा देगी।

न सर्वे हुआ, न हड़ताल रोकी :

गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का कहना था कि प्रदेश के 13-14 जिलों में ओला-पाला पड़ा हैं। फसलें बर्बाद हो गई हैं। शासन की तरफ से अभी तक सर्वे प्रारंभ नहीं हुआ है और न ही राजस्व के अधिकारियों की हड़ताल रोकने की कार्यवाही की गई है। इसके चलते कांग्रेस के सभी सदस्य सदन से बहिर्गमन करते हैं।

बिना सुने चले जाना, यह तरीका ठीक नहीं : मिश्रा

इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिना सुने चले जाना, यह तरीका ठीक नहीं है। इनके नेता न तो कमलनाथ और न ही दिग्विजय सिंह ओला पीड़ितों के पास पहुंचे। यह घड़ियाली आंसू कहलाते हैं, जबकि मुख्यमंत्री अभी भी ओला पीड़ित से जुड़ी बैठक ले रहे हैं। ये पॉलिटिकल फोरम का दुरुपयोग करते हैं।

खराब फसल को लेकर विधानसभा पहुंचे कुणाल

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और संगीता पटेल खराब फसल लेकर विस पहुंचे। उन्होंने मुख्य द्वार पर फसल कृषि मंत्री कमल पटेल को थमा दी।