कई डैम में 75 फीसदी पानी बचा, सिंचाई में नहीं आएगी दिक्कत

कई डैम में 75 फीसदी पानी बचा, सिंचाई में नहीं आएगी दिक्कत

भोपाल । मप्र में मानसून की बेरुखी अब अखरने लगी है। प्रदेश में बारिश का ग्राफ सामान्य से छह फीसद नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के 17 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण बांधों में भी पानी नहीं भरा है। कई बांधों में तो पिछले साल का पानी होने के कारण सिंचाई में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन मानसून की बेरुखी से फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है, जिससे यह जिले सूखे की चपेट में आ सकते हैं। 33 इन जिलों में हुई सामान्य से कम बारिश33 प्रदेश के अलीराजपुर, धार, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, भोपाल, भिंड, श्योपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, होशंगाबाद और बालाघाट में सामान्य से काफी कम बरसात हुई है।

सूखा पड़ा तो केंद्र से लगाना होगी गुहार

मप्र के 17 जिलों में यदि समय रहते बारिश नहीं हुई तो इन जिलों के किसानों की फसलें चौपट हो जाएंगी। सरकार की आर्थिक स्थिति वर्तमान में ठीक नहीं है और वह किसानों को मुआवजा भी नहीं बांट पाएगी। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार से पैसा मांगना होगा। केंद्र की बिना मदद मप्र सरकार किसानों की सहायता नहीं कर पाएगी।

तीन साल पहले पड़ा था सूखा

वर्ष 2017 में प्रदेश के18 जिलों की 132 तहसीलों को सूखा पड़ा। इनमें अशोक नगर की 7, भिंड की 8, छतरपुर की 11, दमोह की 7, ग्वालियर की 5, पन्ना की 9, सागर की 11, सतना की 10, शिवपुरी की 9, सीधी की 7, टीकमगढ़ की 11, विदिशा की 11, शाजापुर की 7, श्योपुर की 5, मुरैना की 6, दतिया की 5, शहडोल की 2 और उमरिया की एक तहसील को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया गया था।

  

                   

पिछले साल भरे पानी का करेंगे उपयोग

बांधों में पिछले साल का पानी होने की वजह से सिंचाई के लिए पानी देने में कोई दिक्कत नहीं होगी। अगले सप्ताह तक अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे बांधों में पानी भर जाएगा। अभी सूखे की स्थिति जैसी संभावना नहीं है। अनिल सिंह, प्रभारी चीफ इंजीनियर, बांध सुरक्षा

अभी सरकार की प्राथमिकता में कोरोना 

 कोरोना से मप्र में करीब 35 हजार लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। केंद्र सरकार द्वारा बाढ़, सूखा और प्राकृतिक आपदा में ही राज्यों को अलग से फंड मुहैया कराती है, लेकिन इस बार नियमों में संशोधन कर प्राकृतिक आपदा में कोरोना को भी शामिल किया गया है। केंद्र से 642.80 करोड़ तथा राज्य सरकार ने बजट में 4 हजार 962 करोड़ का प्रावधान किया है।