निवेश के लिए रियल एस्टेट 65%महिलाओं की पसंद

निवेश के लिए रियल एस्टेट 65%महिलाओं की पसंद

नई दिल्ली। रियल एस्टेट परामर्शदाता एनरॉक के एक अध्ययन से पता चला है कि 65 प्रतिशत महिलाएं निवेश के लिए रियल एस्टेट को तरजीह देती हैं,जबकि 20 प्रतिशत महिलाएं शेयर बाजार और सिर्फ आठ प्रतिशत महिलाएं ही सोने में निवेश करना पसंद करती हैं। इस उपभोक्ता सर्वेक्षण के दौरान करीब 5,500 लोगों से सवाल किए गए, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं थीं। इसके आधार पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार, कम-से-कम 65 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने रियल एस्टेट में निवेश करना चाहती हैं,जबकि 20 प्रतिशत महिलाओं ने शेयर बाजार में निवेश को तरजीह दी। रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ आठ प्रतिशत महिलाओं ने सोना खरीदने और सात प्रतिशत ने सावधि जमाओं (एफडी) में निवेश को वरीयता दी। एनरॉक ने एक अन्य अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि 83 प्रतिशत महिलाएं 45 लाख रुपए से अधिक कीमत का मकान तलाश रही हैं। करीब 36 प्रतिशत महिलाओं ने 45-90 लाख रुपए कीमत वाले मकान को वरीयता दी, जबकि 27 प्रतिशत ने 90 लाख रुपए से 1.5 करोड़ रुपए के बीच के मकान को तरजीह दी। वहीं 45 लाख रुपये से कम कीमत के मकान खरीदने की इच्छा जताने वाली महिलाओं की संख्या कम थी।

ब्रिटानिया ‘आधी आबादी’ को नौकरी में देगी आधी हिस्सेदारी

मदुरै (तमिलनाडु) । दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज वर्ष 2024 तक अपने कर्मचारियों में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाने की योजना बना रही है। फिलहाल कंपनी में 41 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं। ब्रिटानिया के विनिर्माण एवं कारखाना प्रमुख इंद्रनील गुप्ता ने रविवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ब्रिटानिया की देशभर में 15 अपनी विनिर्माण इकाइयां और 35 अनुबंधित एवं फ्रेंचाइजी इकाइयां हैं जिनमें लगभग एक लाख कमर्चारी काम करते हैं। कंपनी 2024 के अंत तक महिला कमिर्यों की संख्या मौजूदा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल कंपनी की मदुरै इकाई में लगभग 1,400 कर्मचारी काम करते हैं जिनमें से 65 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस संयंत्र में महिला कर्मियो ं की संख्या अगले साल तक बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दी जाएगी। गुप्ता ने महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर जोर देने की वजह के बारे में पूछे जाने पर कहा, महिलाएं स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान देती हैं और खाद्य उत्पाद इकाइयों में नौकरी के लिए वे अधिक उपयुक्त होती हैं।