गड़बड़ी करने वाले निर्यातकों पर कार्रवाई होग

गड़बड़ी करने वाले निर्यातकों पर कार्रवाई होग

नई दिल्ली। सरकार उन निर्यातकों के खिलाफ सख्त कारर्वाई करेगी जो गेहूं निर्यात पर लगी पाबंदी से रियायत पाने के लिए पिछली तारीख से तैयार किए गए दस्तावेज पेश कर रहे हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि गलत कागजात पेश कर गेहूं निर्यात पाबंदी से छूट पाने की कोशिश करने वाले निर्यातकों के खिलाफ सख्त कारर्वाई की जाएगी। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने पाबंदी से राहत पाने के लिए पिछली तारीख से तैयार आवेदन एवं साख-पत्र जमा कर धोखाधड़ी की कोशिश की है। पिछली तारीख से बनाया गया साख-पत्र या आवेदन देने की कोशिश करने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ सरकार कड़ी कारर्वाई करेगी। सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर काबू पाने के लिए गत 13 मई को गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। हालांकि 13 मई से पहले जारी किए जा चुके वैध साख-पत्र रखने वाले निर्यातकों को इस पाबंदी से छूट दी गई थी। इस छूट को पाने के लिए निर्यातकों को वैध साख- पत्र पेश करने हैं। लेकिन फर्जी ढंग से तैयार किए गए साख-पत्र पेश किए जाने के मामले सामने आने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने गेहूं निर्यात के लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र हासिल करने के मानक सख्त कर दिए हैं। गोयल ने कहा कि मंत्रालय गेहूं निर्यात के लिए अधिकृत किये जा चुके निर्यातकों की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि उन्होंने वैध दस्तावेज जमा किए थे या नहीं।

रेस्तरां खानपान के बिल में नहीं जोड़ सकते हैं सेवा शुल्क: गोयल

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि रेस्तरां खानपान के बिल में 'सेवा शुल्क' नहीं जोड़ सकते हैं लेकिन उपभोक्ता चाहें तो अपनी तरफ से 'टिप' दे सकते हैं। गोयल ने कहा कि अगर रेस्तरां मालिक अपने कर्मचारियों को ज्यादा वेतन देना चाहते हैं तो वे खानपान उत्पादों के मेनू कार्ड में दरें बढ़ाने के लिए आजाद हैं। इसकी वजह यह है कि देश में खानपान की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है।