मजनूं की कहानी में चलती है एक और कहानी

मजनूं की कहानी में चलती है एक और कहानी

शहीद भवन में रंग बरसे नाट्य समारोह के अंतर्गत शुक्रवार को नाटक ‘मजनूं लाउंसमेंट’ का मंचन किया गया। कहानीकार तारा पांचाल के इस नाटक का निर्देशन कुलदीप कुणाल ने किया। आजादी के आसपास रची- बसी इस कहानी का मुख्य पात्र मजनूं बात-बात पर अनाउंसमेंट करने लगता है। वह रचनात्मक व्यक्ति भी है, क्योंकि वह उपन्यास भी लिखता है लेकिन दुनिया के लिए वह पागल सा मालूम होता है। मजनूं के किरदार के इर्द-गिर्द कई बार भावुकता तो कभी हास्य उत्पन्न होता गया। एक तरफ नाटक की कहानी चलती है तो दूसरी तरफ मजनूं के उपन्यास की। टैंट हाउस में काम करता हैं मजनूं : नाटक में 50 से 60 के दशक को दिखाया गया है, जिसमें मजनूं एक टैंट हाउस में काम करता है। साथ ही वह एक नॉवेल भी लिख रहा है, जो कि बिल्कुल फिल्मी अंदाज में होता है। इसमें हीरो नाम का पात्र है और उसका एक दोस्त हामिद भी है। मजनूं अपनी कहानी पांचाल बाबू को पढ़ने के लिए देता है। वहीं नाटक में दो कहानी एक साथ चलती है, एक मजनूं की और दूसरी कहानी मजनूं द्वारा लिखे नॉवेल की।