जिम फ्रॉम होम से बॉडी पॉश्चरहो सकता है खराब, लेना चाहिए पर्सनल ट्रेनिंग

जिम फ्रॉम होम से बॉडी पॉश्चरहो सकता है खराब, लेना चाहिए पर्सनल ट्रेनिंग

लॉकडाउन ने हर घर में एक मास्टर शेफ और पर्सनल ट्रेनर बना दिया है। कुछ लोगों ने एक्साइटमेंट में पैसा खर्चा कर घर में ही जिम इक्विपमेंट खरीदे हुए थे या खरीद रहे है। यह पूरी तरह से गलत प्रोसेस से लोग गुजर रहे हैं। जिम करने का यह सबसे गलत तरीका है, क्योंकि आप हैवी जिम इक्विपमेंट्स खरीद तो लेते हैं, लेकिन उन्हें इस्तेमाल कैसे करना है यह नहीं पता होता। जब आप गलत एक्सरसाइज करते है इससे बॉडी में इंजुरी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। यह कहना है मोनिका ट्रेनिंग स्टूडियो की आॅनर और पर्सनल ट्रेनर मोनिका सहाय का जो इन दिनों शहर में एक मुहीम के तौर पर लोगों का लाइफस्टाइल बदलने की पूरी तैयारी कर चुकी हैं।

लिमिटेड लोगों में हो ऑनलाइन ट्रेनिंग

मोनिका का कहना है कि अक्सर देखने में आरहा है कि लॉकडाउन में बहुत से ट्रेनर्स ने ऑनलाइन जिम ट्रेनिंग देना शुरू कर दी है। मेरा ऐसा मानना है कि ऑनलाइन ट्रेनिंग दीजिए, लेकिन एक लिमिट तक हो। जैसे एक ट्रेनर दो पर्सन को पर्सनल ट्रेनिंग देगा तो पूरी तरह ध्यान दे पाएगा अगर वहीं पर्सनल ट्रेनिंग 10 या उससे ज्यादा लोगों को देंगे तो एक तो उनका रिकॉर्ड रखना मुश्किल होगा प्लस सब को एक साथ ध्यान देने में भी परेशानी आएगी। मैं इस समय उत्तराखंड की एक महिला को पर्सनल ट्रेनिंग दे रहीं हूं और उन्हें इससे फायदा भी हो रहा है। अगर आप सेल्फ ट्रेनिंग लेंगे तो इससे आपकी बॉडी के पॉश्चर में प्रॉब्लम आएगी जो अच्छा नहीं है।

वर्कआउट से ज्यादा जरूरी न्यूट्रिशन

पर्सनल ट्रेनर मोनिका सहाय ने बताया कि इन दिनों जितना इंवेस्टमेंट इस समय ऑनलाइन पर्सनल ट्रेनिंग में दे रहे हैं। उससे ज्यादा आपकी डाइट और सप्लीमेंट्स में भी उतना ही इंवेस्टमेंट बेहद जरुरी है। सप्लीमेंट्स में जैसे कैल्शियम,ओमेगा 3, मल्टीविटामिन और न्यूट्रिशन है यह उतने ही जरुरी है जितनी रेगुलर वर्कआउट। जब यह सब बॉडी को मिलेगा तब वर्कआउट का भी फायदा होगा। अच्छी बॉडी के लिए इंसुलिन लेवल कम करना होगा। इंसुलिन आपके शक्कर, चावल, गेहूं में होता है। मैं ग्लूकोस के लिए अपने क्लाइंट को कभी प्रिफर नहीं करती, खास तौर पर आप वेट लॉस पर हो। जब तक इनपर कंट्रोल नहीं करेंगे पर्सनालिटी में चेंज नहीं आएगा। सबसे खास बात हफ्ते में वर्कआउट ट्रेनिंग सिर्फ चार या पांच दिन होनी चाहिए। मैं खुद भी हफ्ते में चार दिन वर्कआउट करती हूं।