भाजपा के बागियों पर ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण व डबरा में दांव लगा सकती है कांग्रेस

भाजपा के बागियों पर ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण व डबरा में दांव लगा सकती है कांग्रेस

ग्वालियर। जल्द ही भाजपा की घोषित होने वाली पांचवीं सूची में पूर्व मंत्री, विधायकों सहित दिग्गजों को किनारे लगाने के कयास जारी हैं। जिसके चलते भाजपा में अपनों के बागी होने का संकट गहरा गया है। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इन्हीं बागियों में से ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण व डबरा सीट पर भाजपा प्रत्याशी के विकल्प के रूप में मौका दे सकती है। क्योंकि तीनों ही सीट पर वर्तमान में कांग्रेस से पास कोई ठोस व मजबूत नेता नहीं है, जो चुनाव मैदान में घोषित प्रत्याशियों को सीधी टक्कर दे सके। ग्वालियर विधानसभा सीट पर 2008 के बाद 2018 व 2020 उपचुनाव में जीतकर भाजपा सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के अलावा ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से भारत सिंह कुशवाह ने वर्ष 2013, 2018 में अजेय प्रत्याशी बनकर जीत का परचम लहरा रखा है।

वहीं इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में इतने समय में कांग्रेस का कोई भी नेता इनके सामने खड़े होकर खुद को स्थापित नहीं कर पाया है। जिसके चलते ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण व डबरा सीट पर कांग्रेस की ओर से भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी लड़ाई के लिए दर्जन भर दावेदार होने पर भी ऐसा कोई भी दमदार नेता नहीं है, जो जमीन स्तर पर पहले दिन से टक्कर देकर जीत को सुनिश्चित करने का दावा कर सके। इसलिए कांग्रेस में घबराहट का माहौल है और नाम घोषित करने के आखिरी चरण में पहुंचने के पहले भी भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ ठोस व टक्कर देने वाले प्रत्याशियों की तलाश जारी है।

सुरेश राजे का टिकट कटने पर रास्ता साफ

डबरा विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री इमरती देवी 2008 से 2018 तक लगातार जीत दर्ज करा चुकी हैं। 2020 के सत्ता परिवर्तन के बाद हुए उपचुनाव में इमरती देवी को कांग्रेस के सुरेश राजे ने हरा दिया था, लेकिन उनका वीडियो वायरल होने पर टिकट कट सकता है। ऐसे में इमरती देवी का रास्ता साफ होने पर कांग्रेस को विकल्प देखना होगा।

नारायण-अनूप का आखिरी चुनाव

जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव 2023 पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा व नारायण सिंह कुशवाह का आखिरी चुनाव है, इसलिए दोनों ही नेता पूरी ताकत के साथ टिकट लेने के लिए सक्रिय हैं और टिकट न मिलने की स्थिति में दो दिन पहले पूर्व मंत्री नारायण सिंह के कांग्रेस में जाने वाली हवा को अनूप मिश्रा का साथ मिलने पर बल मिल सकता है।