इंसानों के दिमाग में चिप लगाएंगे एलन मस्क, नेत्रहीन देख सकेंगे दुनिया
न्यूयार्क। दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में शुमार एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) की ओर से दुनिया में पहली बार इंसानों पर ब्रेन इंप्लांट के ट्रायल की मंजूरी मिली है। मस्क की मानें तो इस इंप्लांट से अंधेपन, पैरालिसिस से छुटकारा मिल सकता है और कई अन्य दिमागी बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकता है। न्यूरालिंक के मुताबिक क्लिनिकल ट्रायल के लिए भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। एलन मस्क ने दिसंबर में एक प्रजेंटेशन के दौरान कहा था कि न्यूरालिंक इम्प्लांट का उद्देश्य इंसानी दिमाग को कंप्यूटर के साथ सीधे कम्युनिकेशन करने में सक्षम बनाना है।
किन बीमारियों में मिलेगी मदद
न्यूरालिंक के मुताबिक इंसानी दिमाग में कंपनी द्वारा एक चिप प्रत्यारोपित की जाएगी, जो मस्तिष्क की गतिविधियों पर नजर रखेगी और डेटा कंप्यूटर को भेजेगी। कंपनी का मानाना है कि इससे डिप्रेशन, आटिज्म और अन्य दिगामी बीमारियों का इलाज करने में मदद मिल सकती है। मंजूरी मिलने पर मस्क ने कहा, हम अपने पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जाहिर है कि हम इंसानों में कोई डिवाइस डालने से पहले बेहद सावधान और स्पष्ट होना चाहते हैं कि यह अच्छी तरह काम करेगा।
बंदरों पर हुआ है ट्रायल
मस्क की कंपनी न्यूरालिंक पिछले कई सालों से इस दिशा में काम कर रही है। सबसे पहले जुलाई 2019 कंपनी ने कहा था कि न्यूरालिंक 2020 में इंसानों पर अपना पहला टेस्ट करने में सक्षम होगा। सबसे पहले इसे बंदरों की खोपड़ी में इम्प्लांट किया गया है। कंपनी ने कई बंदरों को अपने न्यूरालिंक इम्प्लांट के माध्यम से कुछ बेसिक वीडियो गेम खेलते या स्क्रीन पर कर्सर ले जाते हुए दिखाया। मस्क ने कई बार न्यूरालिंक के मानव परीक्षण के बारे में भविष्यवाणी की थी, कंपनी ने 2022 की शुरुआत में एफडीए की मंजूरी मांगी थी।