कांग्रेस और कमल नाथ पर गरजे शाह बोले- हिम्मत है तो 50 साल का हिसाब दें
भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश सरकार के कामकाज संबंधी 32 पेज का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। कांग्रेस और पूर्व सीएम कमल नाथ को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है अपने कार्यकाल के 50 सालों का हिसाब पेश करें। भाजपा ने मप्र को बीमारू राज्य से बाहर निकाला। अब इसे आत्मनिर्भर और बेमिसाल बनाने की दिशा में चल पड़े हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कामकाज की जमकर तारीफ भी की। शाह कुशभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित गरीब कल्याण महाभियान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से चर्चा भी की।
केंद्र-राज्य सरकार की उपलब्धियों का आंकड़ों के साथ तुलनात्मक ब्यौरा देते हुए केंद्रीय मंत्री शाह पूर्व सीएम कमल नाथ और दिग्विजय सिंह पर जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस सरकार के 24 घोटाले भी गिनाए। उन्होंने मोदी और शिवराज सरकार के कामकाज की जमकर तारीफ की। 2003 में प्रदेश का बजट 23 हजार करोड़ था, जो अब 3.14 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। प्रति व्यक्ति आय से लेकर सड़क, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मदों का भी तुलनात्मक ब्यौरा दिया। 18 साल में ही विकास के कई कीर्तिमान बनाए। कार्यक्रम में सीएम चौहान और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने शाह का स्वागत किया।
बीमारू राज्य से मुक्ति : शाह ने कहा- 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी, उसके बाद बाबूलाल गौर, फिर शिवराज सरकार ने मप्र को बीमारू के तमगे से मुक्ति दिलाई। शिवराज सरकार ने प्रदेश का तेजी से विकास किया। कांग्रेस, 9 करोड़ जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड रखे। 2004 से 2014 के दौरान मप्र को केंद्र ने 1.58 लाख करोड़ दिए, जबकि मोदी सरकार ने 9 साल में ही 8.30 लाख करोड़ रुपए दे दिए।
शाह ने कहा- यदि यह सवाल उनकी ओर से स्पॉन्सर है, तो कमल नाथ के खिलाफ जांच में आ सकती है तेजी
रिपोर्ट कार्ड में विकास की चर्चा, तो क्या चुनाव भी इसी मुद्दे पर होंगे?
हम यही चाहते हैं लेकिन कांग्रेस जातिवाद और तुष्टिकरण जैसे मुद्दे घसीटती है। पीएम मोदी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेंस की परंपरा शुरू की।
आपने कांग्रेस और कमल नाथ पर घोटाले के आरोप लगाए, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
हम राजनीतिक विद्वेष से कार्रवाई नहीं करते। घोटालों की जांच चल रही है। हम पर एजेंसियों के दुरूपयोग के आरोप लगते हैं। यदि यह सवाल नाथ की ओर से स्पॉन्सर है, तो उन्होंने गलती कर दी। जांच तेज हो सकती है।
परिवारवाद के मुद्दे पर क्या कहेंगे?
परिवारवाद का मतलब मिल्कियत से है। हमने योग्यता के आधार पर इक्का-दुक्का टिकट दिए हैं। यह परिवारवाद नहीं। सपा, बसपा, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट देख लें। अटलजी, मोदीजी, नड्डाजी, राजनाथ सिंह, शिवराजजी और मुझे देख लें, कोई राजनीतिक परिवार से नहीं।
दिग्विजय सिंह ने नूंह की तरह दंगे की आशंका जताई है?
उनका स्वभाव है, जो बात मन में होती है वही निकलती है। एक महीने बाद उन्हीं से पूछना कि दंगे क्यों नहीं हुए।
कर्नाटक और हिमाचल में आप इन्हीं मुद्दों को लेकर गए, लेकिन सरकार नहीं बनीं?
मणिपुर, असम और उत्तर प्रदेश में हम दो बार जीत चुके हैं। केंद्र में दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। आप इसे भी देखें।
रेवड़ियां बांटने जैसी घोषणाओं पर आप क्या कहेंगे?
हमने शौचालय, नल-जल, आवास जैसी घोषणाएं चुनाव के समय नहीं कीं।
24 घोटालों पर पूछा- काफिला क्यों लुटा? : शाह ने बोफोर्स, राफेल डील, कॉमनवेल्थ गेम्स, आदर्श, 2- जी, सत्यम, चारा, एलआईसी हाउसिंग, आईपीएल, राफेल और सबमरीन सहित 24 घोटाले गिनाए। वह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाढार ही कहते रहे। बोलेक मल नाथ बताएं कि मप्र का काफिला क्यों लुटा?