अब रियल टाइम में आपका दिमाग भी पढ़ सकते हैं वैज्ञानिक
न्यूयॉर्क। वैज्ञानिक अब आपके दिमाग में चल रहे विचारों को उसी क्षण पढ़ सकते हैं। माइंड-रीडिंग टेक्नोलॉजी इतनी डेवलप हो गई है कि आपके मस्तिष्क में होने वाले रक्त संचार की सहायता से आप क्या सोच रहे हैं, उसे तुरंत टेक्स्ट के रूप में बदला जा सकता है। रीसर्चर का कहना है कि यह तकनीक उन लोगों के लिए मददगार हो सकती है, जो कि मानसिक रूप से तो जागरूक हैं, लेकिन बोलने में अक्षम है। उदाहरण के तौर पर स्ट्रोक से पीड़ित या मोटर न्यूरॉन जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को यह समस्या होती है।
मानसिक निजता भी सुरक्षित नहीं
इस अध्ययन के तहत ऑस्टिन स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तीन लोगों को एमआरआई मशीन के भीतर डाला तथा उन्हें कहानियां सुनाई। इस प्रयोग के बाद रीसर्चर्स ने पहली बार यह दावा किया है कि उन्हें लोगों के मस्तिष्क में चल रहे विचारों को टेक्स्ट के रूप में बदलने में सफलता मिली है। इस प्रक्रिया में ब्रेन में किसी तरह का इंप्लांट भी नहीं लगाना पड़ा। इस क्रांतिकारी खोज से लोगों की मानसिक निजता को लेकर चिंताएं खड़ी हो गई हैं, क्योंकि किसी व्यक्ति के मन की बातों को जान लेने की दिशा में यह पहला कदम हो सकता है।
कम्प्यूटर को 16 घंटे तक देनी पड़ी ट्रेनिंग
चैटजीपीटी के जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए इस नई तकनीक के जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि किसी साइलेंट फिल्म को देख रहे व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है। लेकिन, रीसर्चर्स को यह सफलता हासिल करने के लिए संबंधित व्यक्ति और विचार पढ़ने वाले कम्प्यूटर को 16 घंटे तक ट्रेनिंग देनी पड़ी। इसके तहत व्यक्ति को एमआरआई मशीन में रखा गया तथा उसके ब्रेन के पैटर्न को समझने के लिए कम्प्यूटर को भी ट्रेंड किया गया।
टेक्नोलॉजी ने विचारों को अक्षरों में बदला
नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित इस नए अध्ययन में बताया कि इस तकनीक के तहत एक डिकोडर का उपयोग किया गया, जोकि एक कम्प्यूटर तथा चैटजीपीटी की तरह की लैंग्वेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी से जुड़ा था। इसमें कम्प्यूटर ने मस्तिष्क की गतिविधियों को पढ़ने का कार्य किया तथा लैंग्वेज-प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी ने कम्प्यूटर द्वारा पढ़े विचारों को अक्षरों में बदलने का काम किया। डिकोडर को यह समझने में सक्षम बनाया गया कि व्यक्ति क्या सोच रहा है।