आईजीटी शो के दौरान फिल्म ‘सीता’ के लिए प्लेबैक सिंगिंग का ऑफर मिलना किसी अवॉर्ड से कम नहीं था

आईजीटी शो के दौरान फिल्म ‘सीता’ के लिए प्लेबैक सिंगिंग का ऑफर मिलना किसी अवॉर्ड से कम नहीं था

 जब मैं 2 या 3 साल की थी तब मम्मी और पापा ने महसूस किया कि मैं कुछ गुनगुनाती रहती हूं। चूंकि दोनों ही संगीत की दुनिया से ताल्लुक रखते हैं तो उन्हें देख मैं भी सीख रही थी, फिर उन्होंने ही मुझे गाना सीखना शुरू किया और चार साल की होने पर डॉ. शिप्रा सुलेरे मैडम से संगीत की शिक्षा प्राप्त करना शुरू किया। अब क्लासिकल संगीत डॉ. प्रकाश वेरुलकर जी से पिछले 10 साल से सीख रही हूं। यह कहना है, भोपाल पहुंची इंडियाज गॉट टैलेंट की रनरअप सिंगर इशिता विश्वकर्मा का। उन्होंने आईएम भोपाल से खास बातचीत में अपने संगीत सफर पर चर्चा की। मनोज मुंतशिर ने दिया फिल्म 'सीता' में ब्रेक : शो के दौरान मेरा एक गाना लिरिसिस्ट और राइटर मनोज मुंतशिर को इतना पसंद आया कि उन्होंने मुझे अपनी अगली फिल्म 'सीता' के लिए प्लेबैक सिंगिंग का आॅफर दिया। जिसकी शूटिंग जल्द ही शुरू हो जाएगी। इस फिल्म का म्यूजिक अजय-अतुल करेंगे, जिनके साथ मुझे हमेशा से काम करने की इच्छा भी थी ।

धर्मेंद्र का लिखा नोट हमेशा मोटिवेट करेगा

गॉट टैलेंट’ में धर्मेंद्र सर का स्पेशल एपिसोड हुआ। इसमें सुपर स्टार एक्टर धर्मेंद्र गेस्ट के रूप में आए थे। उनके सामने मैंने 1966 की क्लासिक फिल्म 'आए दिन बहार के' का गाना 'सुनो सजना' और 1973 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'लोफर' का 'मैं तेरे इश्क में मर ना जाऊं कहीं' गाया था। उन्हें मेरा गाना इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने हाथ से लिखा एक पत्र भेंट किया और बताया कि किस तरह वो अक्सर लता जी के संपर्क में रहते थे। उन्होंने लिखा था कि 'पिछले कुछ तीन-चार साल से हम आपस में बहुत बात करते रहते थे। वो मुझे हौसला देती रहती थीं।' मेरे पिता धर्मेंद्र जी के भी बहुत बड़े फैन थे और जब वो आईसीयू में भर्ती थे, तो मैंने उनके लिए ‘आपकी नजरों ने समझा’ गाना गाया। फिर उस शो में मैंने भी यही गाना गाकर सुनाया और सभी को पसंद आया था।