कोरोना काल में ‘अपनों’ की मदद के लिए आगे आया गुजराती समाज

कोरोना काल में ‘अपनों’ की मदद के लिए आगे आया गुजराती समाज

भोपाल। कोरोना संक्रमण काल में व्यापार ठप होने के कारण लोगों को अपना परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इस कठिन दौर में गुजराती समाज ने अपने समाज के लोगों की मदद करने के लिए अनूठी पहल की है। गुजराती समाज के अध्यक्ष संजय पटेल ने बताया कि समाज के ऐसे लोग जिनकी इस कोरोना संक्रमण के दौरान नौकरी चली गई है, उनके लिए साढ़े सात हजार रुपए महीने और जिनका व्यापार ठप हो गया है, उन्हें 50 हजार रुपए तक मदद के तौर पर दिए जा रहे हैं, ताकि वह दोबारा व्यवसाय शुरू कर सकें। पटेल ने बताया कि समाज द्वारा 15 परिवारों को हर महीने साढ़े सात हजार रुपए दिए जा रहे हैं। ये वह लोग हैं, जिनकी नौकरी लॉक डाउन में चली गई है। इन्हें तब तक मदद मिलेगी जब तक कि दोबारा नौकरी नहीं मिल जाती। इसी तरह से समाज के 5 परिवारों को दोबारा व्यापार शुरू करने के लिए 50-50 हजार रुपए तक की सहायता राशि दी गई है।

कार्यक्रमों में क्रॉकरी पर बैन

पटेल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए सामाजिक कार्यक्रमों में खाना परोसने में उपयोग होने वाले प्लास्टिक आइटम्स (क्रॉकरी) पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसकी जगह कागज या स्टील के बर्तनों का उपयोग किया जा रहा है। समारोह में 500 की जगह 400 लोगों का भोजन बनाया जाता है। खाना वेस्ट न हो, इसके लिए जूठन छोड़ने पर 200 रुपए पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है।

अपनों की याद में लगा रहे पेड़

पटेल ने बताया कि गुजराती समाज में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी याद में समाज की आरक्षित करीब पांच एकड़ जमीन में उसके नाम के पेड़ लगाए जाते हैं। इसके जरिए पर्यावरण स्वच्छ और शुद्ध रखने में योगदान दिया जा रहा है। इसके अलावा पेड़ लगाने के लिए समाज के लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है। पेड़ों की सुरक्षा को लेकर समाज द्वारा जालियों और अन्य की व्यवस्था की जाती है।