IAS की संविदा नियुक्ति के नियम और सख्त

IAS की संविदा नियुक्ति के नियम और सख्त

 भोपाल । राज्य सरकार ने संविदा नियुक्ति पर रखे जाने वाले रिटायर्ड आईएएस ही नहीं, बल्कि अन्य संवर्ग के अधिकारियों की संविदा नियुक्ति देने के नियम और सख्त कर दिए हैं। अब दस साल की सीआर ली जाएगी और संबंधित अधिकारी को बीते दस साल में कोई दंड तो नहीं मिला है। इस तरह 22 बिंदुओं के प्रपत्र में जानकारी पूरी होने के बाद ही उसे संविदा नियुक्ति देने लायक माना जाएगा। इस संबंध में जीएडी ने आदेश जारी कर दिए हैं। पिछली शिवराज सरकार के समय रिटायर्ड होने वाले आईएएस ही नहीं, राप्रसे और वित्त सेवा के अधिकारियों को संविदा नियुक्ति पर रखा गया था। इसके लिए संविदा नियुक्ति नियम 2017 लागू किए गए थे, जिसमें वर्ष 2018 में संशोधन किया गया। तत्कालीन भाजपा सरकार के समय रिटायर्ड आईएएस कोमल सिंह, राजकुमार माथुर, एसके मिश्रा, अरुण भट्ट सहित कुछ राप्रसे अधिकारियों और मंत्रालय में पदस्थ रहे कुछ रिटायर्ड अधिकारियों को सीएम हाउस तथा सीएम सचिवालय में संविदा पर ओएसडी बनाया गया था। बाद में कांग्रेस सरकार बनने पर प्रवीण कक्कड़, आरके मिगलानी, संजय श्रीवास्तव आदि की नियुक्ति संविदा पर की गई थी। नई भाजपा सरकार में अभी तक किसी रिटायर्ड आईएएस की संविदा नियुक्ति नहीं दी गई है।

 इन नियमों के तहत होगी अब नियुक्ति 

  • निष्ठा के बारे में सेवाकाल के दौरान किसी भी समय कभी भी कोई संदेह या आक्षेप किया गया है? 
  • क्या पिछले 10 वर्षों के दौरान कोई दंड दिया गया है?
  • विभागीय जांच, आपराधिक प्रकरण लंबित तो नहीं है, यदि हां तो कबसे। 
  • क्या कर्मचारी ने विगत 3 सालों में मेडिकल अवकाश लिया है, यदि हां तो कितने समय।
  • जिस पद पर संविदा नियुक्ति दी जाना है उस पद को भरने में क्या कठिनाई है? 
  • पदोन्नति से पद भरने के लिए कितने पात्र व्यक्ति उपलब्ध है? 
  • क्या पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित हो चुकी है? 
  • क्या उक्त अधिकारी ने नियमानुसार संपत्ति विवरण समय पर प्रस्तुत किए गए थे। 
  • क्या शासकीय सेवक को सेवानिवृत्ति के बाद कार्य पर निरंतर रखा गया है यदि हां तो किस तारीख और किसके आदेश पर रखा गया, स्पष्ट किया जाए।
  • संबंधित शासकीय सेवक मप्र सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 एवं संशोधन नियम 2018 के मापदंडों की पूर्ति करता है?
  • दस साल का गोपनीय प्रतिवेदन और उसमें मूल्यांकन की जानकारी भी मांगी गई है। 
  • संबंधित विभाग को एक संक्षेपिका भी बनानी होगी, जिसे जीएडी के माध्यम से कैबिनेट में भेजा जाएगा।