कौशल विकास में क्रांति लाने आईआईएम का एनएसडीसी से एमओयू

कौशल विकास में क्रांति लाने आईआईएम का एनएसडीसी से एमओयू

इंदौर। भारत में कौशल विकास और उद्यमिता के परिदृश्य को आगे बढ़ाने की दिशा में आईआईएम इंदौर ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता कौशल विकास में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने एक साहसिक प्रतिबद्धता दर्शाता है। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु रॉय और एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेदमणि तिवारी द्वारा समझौता ज्ञापन पर ऑनलाइन हस्ताक्षर हुए। यह भारत में कौशल विकास, उद्यमिता और अनुसंधान को नए रूप से परिभाषित करने और संरेखित करने पर केन्द्रित है। दोनों संस्थानों के दृष्टिकोण और देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने के लिए उनकी सामूहिक शक्ति का लाभ उठाते हुए एक साथ हाथ मिलाया है।

आईआईएम इंदौर का दृष्टिकोण सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है। यह पूरे देश के परिवारों के लिए आजीविका के अवसरों और आय के स्तर को बढ़ाने के बारे में है। प्रो. रॉय ने इस बात पर जोर दिया कि यह सहयोग एक सामाजिक प्रभाव के लिए मॉडल बनाएगा, जो नवीन दृष्टिकोणों को नियोजित करने वाली अग्रणी परियोजनाओं द्वारा समर्थित होगा। ये पहल वंचित क्षेत्रों, समुदायों, व्यक्तियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पेशेवर सहायता प्रदान करेगी, जिससे बाजार की सफलता और वृद्धि के लिए कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा। इस एमओयू की आधारशिला इसका मजबूत रिसर्च प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना है।

तिवारी ने भी आईआईएम इंदौर के साथ इस साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने नव प्रवर्तकों और सामाजिक उद्यमियों की सफलता की कहानियों को प्रचारित करने की योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहासाझेदारी का लक्ष्य सभी को प्रेरित करना और निवेशकों और भागीदारों से समर्थन आकर्षित करना है। इससे एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनेगा, जो जमीनी स्तर के नवाचारों और सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देगा। इससे सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो सकेगा।