भारतीय छात्र नहीं जाना चाहते कनाडा, आवेदनों में गिरावट

भारतीय छात्र नहीं जाना चाहते कनाडा, आवेदनों में गिरावट

नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद का असर कनाडा जाने पार भारतीय छात्रों पर पड़ा है। दरअसल, इस साल की दूसरी छमाही में कनाडा में अध्ययन के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है। जुलाई से अक्टूबर के बीच भारत से नए अध्ययन परमिट के लिए आवेदनों की संख्या पिछले साल के कुल 145,881 से घटकर 2023 की समान अवधि में केवल 86,562 रह गई, जो लगभग 40 फीसदी की गिरावट है। कनाडा की एजेंसी आउटलेट बेटर डेवलिंग की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ हाल फिलहाल में शोषण के कई मामले आए हैं, जिससे कनाडा में अध्ययन के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर कनाडा में हो रही कठिनाइयों के बारे में पोस्ट किया है, उनके इस पोस्ट का भी असर देखने को मिल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारतीय छात्र आवेदनों की संख्या में इतनी गिरावट नहीं आई थी।

इधर अमेरिकी संसद में ग्रीन कार्ड बैकलॉग कम करने बिल पेश इसबीच अमेरिका के तीन प्रभावशाली सांसदों ने एक बिल पेश किया है, जिसमें ग्रीन कार्ड बैकलॉग को कम करने में मदद मिलेगी। इस बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे हजारों भारतीयों को फायदा मिलेगा और उन्हें अमेरिका का ग्रीन कार्ड मिलने का रास्ता साफ होगा। बता दें, इस बिल को भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल के साथ ही रिक मैक्कॉर्मिक ने पेश किया है।

आवास संकट से जूझ रहा है कनाडा, कीमतें हैं ज्यादा इससे पहले अगस्त में, कनाडा के आवास, बुनियादी ढांचे और समुदाय मंत्री सीन फ्रेजर ने कहा था कि देश में कितने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को दाखिला मिलता है, इसकी सीमा तय करने पर हमें विचार करना चाहिए। बता दें, कनाडा इस समय आवास संकट से जूझ रहा है। यहां आबादी तो बहुत है लेकिन रहने के लिए घर कम हैं, जिसकी वजह से घरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।

आईआरसीसी ने जारी किए आवेदनों के आंकड़े 

आईआरसीसी यानी इमीग्रेशन, रिμयूजीस एंड सिटिजनशिप कनाडा के अनुसार, साल 2022 में 3 लाख 63 हजार 541 भारतीय छात्रों ने आवेदन किया था, जो 2021 के 2 लाख 36 हजार 77 के आंकड़े से ज्यादा थे। अक्टूबर 2023 तक 2 लाख 61 हजार 310 भारतीय छात्रों ने आवेदन किया है। जो साफ तौर पर दर्शाता है कि आवेदकों की संख्या में भारी कमी आई है। 

ब्रिटेन ने वीजा नियमों को किया सख्त

लंदन। ब्रिटेन की सरकार ने देश में अप्रवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है। इसके साथ ही सरकार ने अप्रवासियों की संख्या को कम करने के लिए नए नियमों की घोषणा की है। यूके के गृह मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से लगभग 3,00,000 व्यक्ति प्रभावित होंगे, जो अब नए नियम के तहत यूके में प्रवेश करने के पात्र नहीं होंगे। इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि प्रवासन का स्तर बहुत ऊंचा है और वह इसे बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।