जिम्बाब्वे में 195% पहुंची महंगाई, अब सोने के सिक्कों से होगी खरीदी

जिम्बाब्वे में 195% पहुंची महंगाई, अब सोने के सिक्कों से होगी खरीदी

हरारे। जिम्बाब्वे में महंगाई रिकॉर्ड 195 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जिसके चलते डॉलर के मुकाबले जिम्बाब्वे की करंसी लगातार टूट रही है। इससे बचने के लिए देश में अब कागज की करंसी की जगह सोने के सिक्कों में लेन-देन होगा। मौजूदा साल में ही जिम्बाब्वे की करेंसी डॉलर के मुकाबले 72 प्रतिशत तक कमजोर हो चुकी है। ये स्थिति कोई एक साल में नहीं बनी, बल्कि वर्ष 2008 के बाद से ही जिम्बाब्वे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और उसकी करंसी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरी है। इससे जिम्बाब्वे के लोगों को ये लग रहा है कि अगर उनके देश की करंसी ऐसे ही गिरती रही तो एक दिन ऐसा आएगा, जब उनकी सारी जमा पूंजी कागज का टुकड़ा बन जाएगी। इसलिए इन लोगों ने अमेरिका की करंसी यानी डॉलर खरीदने शुरू कर दिए। डॉलर की कीमत बढ़ने के चलते जिम्बाब्वे में पिछले कुछ समय से लेन-देन भी डॉलर में हो रहा है और सरकारी कर्मचारी जैसे टीचर और दूसरे लोग भी अपनी सैलरी डॉलर में ही मांग रहे हैं। जिम्बाब्वे की सरकार ने इसी ट्रेंड को रोकने के लिए कागज की करंसी की जगह सोने के सिक्कों में लेन-देन करने का ऐलान किया है।

देश के लोग डॉलर को मान रहे स्वर्णिम भविष्य

अपने देश की करंसी की जगह जिम्बाब्वे के लोग डॉलर खरीदने लगे हैं। उनका मानना है कि डॉलर पूरी दुनिया में मजबूत हो रहा है और डॉलर का भविष्य सुनहरा व सुरक्षित है। अगर भविष्य में जिम्बाब्वे में आर्थिक हालात खराब होते भी हैं तो भी इससे लोगों को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि उनके पास डॉलर में जमा पूंजी होगी, जिसकी कीमत संकट की स्थिति में भी कम नहीं होगी।

गोल्ड करंसी चलाने वाला जिम्बाब्वे बना पहला देश

जिम्बाब्वे के केंद्रीय बैंक ने ऐलान किया है कि अब देश में लोगों को सोने के सिक्के बेचे जा सकेंगे। इन सिक्कों से दुकानों पर खरीदारी भी की जा सकेगी। यानी लोग बैंकों में जाकर कागज की करंसी के बदले में सोने के सिक्के ले सकेंगे और ये सोने के सिक्के वहां की असली करंसी बन जाएंगी। जिम्बाब्वे इस तरह का प्रयोग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशक करते हैं गोल्ड करेंसी का इस्तेमाल

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों द्वारा मुद्रास्फीति और युद्धों से बचाव के लिए सोने के सिक्कों का उपयोग किया जाता है। मोसी-ओ-तुन्या सिक्का, जिसका नाम विक्टोरिया फॉल्स के नाम पर रखा गया है। सोने के सिक्के को नकदी में बदला जा सकता है और स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार किया जा सकता है। -जॉन मंगुड्या, गवर्नर सेंट्रल बैंक, जिम्बाब्वे