महाराष्ट्र से केरल तक पहुंचने में ट्रक को लगा 10 माह का समय

महाराष्ट्र से केरल तक पहुंचने में ट्रक को लगा 10 माह का समय

तिरुवनंतपुरम। करीब 10 महीने में 1700 किलोमीटर की यात्रा के बाद महाराष्ट्र के नासिक से निकला ट्रक आखिरकार तिरुवनंतपुरम पहुंचा। पांच राज्यों के हर जिले से जब ये गाड़ी गुजरती थी तो किसी और गाड़ी को वहां से गुजरने की इजाजत नहीं दी जाती थी। इसे आगे बढ़ने के लिए कुछ जगहों पर गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की गई, पेड़ों की कटाई हुई और खंभों को हटाया गया। 74 टायर लगे वीआईपी ट्रक 70 टन वजन वाली मशीन एयरोस्पेस आॅटोक्लेव लेकर शनिवार को तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंचा। एक ट्रक इतनी दूरी को 5 से 7 दिन में कवर कर लेता है, लेकिन इसे पहुंचने में 10 महीने लग गए।ट्रक की यह यात्रा पिछले साथ 1 सितंबर को शुरू हुई थी। इस गाड़ी पर सवार एक कर्मचारी सुभाष यादव ने कहा, लॉकडाउन ने हमारे मूवमेंट को कठिन कर दिया। आंध्र प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से 1 महीने तक गाड़ी को पकड़ लिया गया। बाद में कंट्रैक्ट एजेंसी को दखल देना पड़ा। लेकिन, उसके बाद भी यह एक बड़ी चुनौती थी। वोल्ववो एमएम सीरिज ट्रक के साथ हमारी 30 सदस्यीय टीम में इंजीनियर्स और मैकेनिक्स भी मौजूद थे। मशीन की ऊंचाई 7.5 मीटर है और इसकी चौड़ाई 7 मीटर है। इसकी वजह से चेसिस काफी मजबूत बनाया गया होगा। कुछ जगहों पर इसके आगे जाने के लिए सड़कें चौड़ी की गई और पेड़ काटे गए। दो जगहों पर पुल न टूटे इसके लिए स्पेशल आयरन गिर्डर्स को रखा गया था। विदित है कि आटोक्लेव का इस्तेमाल कई कार्यक्रमों के लिए बड़े एयरोस्पेस प्रोडक्ट के निर्माण में होगा। उम्मीद है कि कुछ आवश्यक संशोधन के बाद इस महीने उसे शामिल कर लिया जाएगा।