700 किमी का सफर तय कर पहुंचा नीट की परीक्षा देने, 10 मिनट में खराब हुआ साल

700 किमी का सफर तय कर पहुंचा नीट की परीक्षा देने, 10 मिनट में खराब हुआ साल

 कोलकाता ।   बहुत से छात्रों ने विरोध किया, आंदोलन भी हुए और सोशल मीडिया पर आवाजें भी लेकिन फिर भी रविवार, 13 सितंबर को पूरे भारत में नीट की परीक्षा हुई। इसके साथ कोरोना वायरस व लॉकडाउन के कारण कई छात्रों को बहुत कुछ झेलना भी पढ़ा। एक ऐसे ही छात्र हैं बिहार के संतोष कुमार यादव, जो एग्जामिनेशन सेंटर पर 10 मिनट देरी से पहुंचने के कारण नीट की परीक्षा नहीं दे सके।

 मैंने अपना एक साल खो दिया: संतोष

संतोष दरभंगा के रहने वाले हैं। वह बिहार से कोलकाता नीट की परीक्षा देने गए थे। इस लंबे सफर के दौरान उन्होंने 2 बार बसें बदली थीं। उन्होंने मीडिया से कहा, मैंने प्रशासन से मिन्नतें कीं, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं लेट हूं। परीक्षा 2 बजे से शुरू होनी थी। मैं 1:40 पर सेंटर पहुंचा था। जबकि परीक्षा हॉल में दाखिल होने का वक्त 1:30 बजे तक का था। मैंने अपना एक साल खो दिया।

इसलिए पहुंचना था जल्दी

 सेफ्टी  प्रोटोकॉल को देखते हुए एस्पीरेंट्स को 3 घंटे पहले परीक्षा केंद्र में रिपोर्ट करने को कहा गया था। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा किए गए इंतजाम के बाद भी स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में समस्या हुई, जिसके कारण कुछ अभ्यार्थी परीक्षा देने से चूक गए। वहीं, संतोष ने नीट के लिए 24 घंटे से ज्यादा समय लगाकर 700 किमी का सफर तय किया और कोलकाता स्थित अपने परीक्षा केंद्र पहुंचे, लेकिन दुर्भाग्य से वह 10 मिनट लेट हो गए, जिसके कारण उन्हें परीक्षा हॉल में दाखिल नहीं होने दिया गया।