600 करोड़ की लागत से पेयजल पहुंचाने की योजना, ग्रामीणों के लिए बनी सिरदर्द

600 करोड़ की लागत से पेयजल पहुंचाने की योजना, ग्रामीणों के लिए बनी सिरदर्द

जबलपुर । शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पीने पानी की किल्लत हर मौसम मेंं बनी रहती है,और खासकर पानी की विकराल समस्या बरगी क्षेत्र के गांवों में अधिक रहती हैं। जबकि जबलपुर जिला मां नर्मदा की गोद में बसा हैं। बहरहाल पानी समस्या को दूर करने के लिए हर-हर नर्मदा घर-घर नर्मदा के अंतर्गत नर्मदा का पानी 138 गांवों में घर-घर पहुंचाने के लिए कार्य भी चल रहा है। लेकिन सिवनी, जबलपुर एवं नरसिंहपुर में लगभग 600 करोड़ की लागत से पेयजल पहुंचाने के लिए पायली ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना ग्रामवासियों के लिए गले का फंदा बन गई है। दरअसल इस योजना में पानी की पाइपलाइन गांव के अंदर तक जाना है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी उपर से मिले आदेशों का हवाला देकर गांव की लाखों रुपए में बनी सड़कों को चौपट कर रहे हैं। इस सिलसिले में जबलपुर विकासखंड के ग्राम चौरई, मुहास, सहजपुरी, धवई, सिलुआ, तिन्सा, जोगीधाना आदि गांव की सड़कों को तोड़कर पाइपलाइन बिछाई गई है। लेकिन गांव सरपंचों से कोई अनुमति नहीं ली गई है। लिहाजा ऐसे में इन गांवों सरपंचों और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हैं। क्योंकि गांव की सड़क खोदी जाने से लाखों कर नुकसान हुआ है,साथ ही निकलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जिम्मेदारों के पास दर्ज कराई गई है शिकायत

इस संबंध में पंचायत चौरई के सरपंच कमला प्रसाद पटेल, ग्राम मुहास से ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महंत दयानंद गिरी सहित अन्य ने कलेक्टर, जिला पंचायत, जनपद पंचायत आदि में शिकायत दर्ज करवाई हैं। इन लोगों का कहना है कि उनके गांव की सड़क उनसे बगैर पूछे खोदी गई है,जिसकी शिकायत पुलिस चौकी बरगी नगर में भी दर्ज करवाई गई है।

टूट-फूट पर कंपनी करवाएगी सुधार कार्य

एलएंडटी प्रोजेक्ट मेनेजर का कहना है कि यह कार्य प्री-प्लान जनहित का है। इसमें यदि टूटफूट होती है तो कंपनी सुधार कार्य करवा कर देगी। इस सुधार कार्य में समय लगेगा।

सरपंचों की सलाह के बगैर खोदी सड़कें

इन गांवों के सरपंचों का कहना है कि माना कि यह कार्य जनहित का है,यदि एलएंडटी को पाइपलाइन गांव के अंदर तक ले जाना था तो गांव के मुखिया से सलाह कर बिना किसी नुकसान के कोई रास्ता निकाला जा सकता था, लेकिन कंपनी के नुमाइदों ने बगैर किसी से पूछे ग्राम विकास का रास्ता तहस नहस कर दिया। यदि बाद में सुधारकार्य होता भी है तो रोड की गुणवत्ता तो समाप्त हो जाएगी।