तकनीकी अफसर को प्रोफेसर बनाने की तैयारी

तकनीकी अफसर को प्रोफेसर बनाने की तैयारी

भोपाल। बीयू: आपत्ति के चलते नहीं हो पा रहे आधा दर्जन प्रोफेसरों के ‘कैश’ के तहत प्रमोशन बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में हुई नियम विरुद्ध नियुक्तियों व प्रमोशन का मामला सुलझा नहीं है। अब फिर नियमों को ताक पर रख प्रमोशन करने की तैयारी है।  लगभग एक सप्ताह से अधिक हो गया है, लेकिन कुलपति कार्यालय में आधा दर्जन प्रोफेसरों के प्रमोशन की फाइल अटकी हुई है। इसके पीछे दो अयोग्य उम्मीदवारों को प्रमोशन पात्रता नहीं मिल पाना है। इसमें तकनीकी अधिकारी को प्रमोशन देकर प्रोफेसर बनाया जा रहा है।
  तत्कालीन कुलपति डॉ. एमडी तिवारी ने 32 संविदा शिक्षकों को नियम विरुद्ध नियमित कर असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया था। इसकी जांच हाईकोर्ट के पूर्व जज द्वारा की गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी यह मामला अधर में है। कुछ इसी तरह दोबारा होने जा रहा है। दरअसल, विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों का कॅरियर एडवांस स्कीम (कैश) के तहत प्रमोशन होता है, जोकि परफार्मेंस बेस्ड होता है। इसके उलट तकनीकी आफीसर विकास सिल्के को कैश के तहत प्रमोट करने की फाइल चलाई जा रही है। योग विभाग में पदस्थ साधना दानोरिया को भी इसी तरह लाभ देने की तैयारी है,  जबकि उनकी नियुक्ति संबंधी मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इसके पहले कुलपति प्रो. आरजे राव ने उन्हें प्रमोट करने के लिए पिछली कार्यपरिषद में बिना एजेंडे के मुद्दे को पटल पर रखा था। तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती ने बिना रजिस्ट्रार दोनों को कैश का लाभ देने से इंकार कर दिया था। परीक्षण में आलोक मिश्रा, अंशुजा तिवारी और हेमंत खंडाई को योग्य और फिजिक्स विभाग तकनीकी अधिकारी सिल्के और योग विभागाध्यक्ष दानोरिया को अयोग्य पाया। इसकी फाइल को अनुमोदन करने कुलपति राव के पास भेज दी गई थी। अभी तक कुलपति राव ने फाइल को अनुमोदित नहीं किया है। करीब एक सप्ताह से फाइल उनके कैबिन में रखी धूल खा रही है।