आरजीपीवी : 20 राज्यों के स्टूडेंट्स ने घर में बैठकर दिया एग्जाम, 96 फीसदी रही उपस्थिति  - फाइनल ईयर सहित अन्य सेमेस्टर के एक लाख स्टूडेंट होंगे शामिल

आरजीपीवी : 20 राज्यों के स्टूडेंट्स ने घर में बैठकर दिया एग्जाम, 96 फीसदी रही उपस्थिति   - फाइनल ईयर सहित अन्य सेमेस्टर के एक लाख स्टूडेंट होंगे शामिल

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) द्वारा फाइनल ईयर के शेष स्टूडेंट सहित अन्य लगभग एक लाख स्टूडेंट्स के ऑफलाइन ओपन बुक सिस्टम से एग्जाम लिए जा रहे हैं। मंगलवार से शुरू इस एग्जाम में अंतिम सेमेस्टर के साथ ही प्रथम से सातवे सेमेस्टर तक के फेल और एक्स 20 राज्यों के स्टूडेंट्स शामिल हुए।  पहले दिन 96 फीसदी छात्र परीक्षा में शामिल हुए।  दो शिफ्ट मेंं आयोजित इस एग्जाम में पहले दिन 13,500 स्टूडेंट में से 12,200 शामिल हुए। पहली शिफ्ट का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक था। आरजीपीवी ने परीक्षा के लिए 9.45 पर पेपर अपलोड कर दिए थे, लेकिन स्थिति यह रही कि छात्र-छात्राएं पेपर तक लाउन लोड नहीं कर सके। कुछ लोकल छात्र को विश्वविद्यालय भी पहुंचे। अधिकारियों को खुद छात्रों के पेपर डाउनलोड करना पड़े।
विवि के पास कुछ तो ऐसे छात्रों के फोन भी पहुंचे जिनका संबंधित विषय का पेपर ही नहीं था या उन्हें इस परीक्षा में शामिल ही नहीं होना था। यह पहला मौका है जब आरजीपीवी इस तरह से परीक्षा करा रहा है। छात्रों को पेपर डाउनलोड कर घर बैठे ही पेपर हल करना था। उत्तरपुस्तिका का प्रथम पृष्ठ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर लिया गया था। छात्र को यह पेज डाउनलोड कर उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ के रूप में लगाना था।
 इससे पहले आरजीपीवी ने 24 अगस्त से आॅनलाइन परीक्षा आयोजित की थी। स्टूडेंट्स को उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र में जमा करना होगी। छात्र चाहें तो विवि द्वारा दी गई लिंक पर भी कॉपी स्कैन कर अपलोड कर सकते हैं। यह सुविधा खासतौर पर ऐसे विद्यार्थियों के लिए है जो दूसरे प्रदेशों से हैं। अन्य प्रदेशों में विवि के केंद्र न होने के कारण विद्यार्थियों को आॅनलाइन कॉपी जमा करने की सुविधा दी गई है।
नंवबर में होंगे आनलाइन प्रैक्टिकल
द्वितीय से सातवें सेमेस्टर में बीई और बीफॉर्मा में करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी हैं, जिन्हें आंतरिक मूल्यांकन और गत वर्ष के रिजल्ट के आधार पर पास किया जाएगा। थ्योरी एग्जाम खत्म होने के बाद चार से नौ नवंबर तक आॅनलाइन प्रैक्टिकल होंगे। परीक्षाओं को सुरक्षित और यूजीसी के मापदंड से कराने की व्यवस्था कर ली गई है।