छात्रों ने आटे के 2500 दीयों से बनाया स्वामी विवेकानंद का 24 फीट लंबा छायाचित्र

छात्रों ने आटे के 2500 दीयों से बनाया स्वामी विवेकानंद का 24 फीट लंबा छायाचित्र

2500 आटे के दीयों से जब स्वामी विवेकानंद का 24 फुट का छायाचित्र बना तो मैनिट का प्रागंण सुनहरी रोशनी से जगमगा उठा और कुछ दीपावली जैसा एहसास हुआ। मौका था, राष्ट्रीय युवा दिवस पर मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी(मैनिट) में तूर्यनाद समिति द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के उत्सव का। दोपहर 3 बजे से कैंपस में चित्र के ऊपर दीये लगाने का काम शुरू किया गया जो कि शाम 5 बजे पूरा हुआ और फिर शाम 6 बजे से दीपक जलाए गए। इससे पहले चॉक से ग्रिड बनाकर फिर चूना पाउडर देकर लुक दिया और उसके ऊपर दीये रखे गए। तूर्यनाद समिति के सदस्य मीडिया प्रभारी राजेश रंजन ने बताया कि लगभग 30 छात्र मिलकर दो दिन में आटे के दीये बनाए और हर दिन दो से तीन घंटे इसके लिए काम किया। इस मौके पर लगभग 250 स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

300 स्टूडेंट्स ने किया सूर्यनमस्कार

युवा दिवस का प्रारंभ प्रात: 7:30 बजे सूर्य नमस्कार के साथ हुआ। संस्थान के समस्त प्राध्यापकों की उपस्थिति एवं 300 से अधिक की संख्या में छात्र-छात्राओं ने शामिल होकर सूर्य नमस्कार को सार्थक बनाया। डॉ. सविता दीक्षित ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि सूर्य नमस्कार से स्मरण शक्ति बढ़ती है और नर्वस सिस्टम शांत होता है जिससे चिंता दूर होती है। सूर्य नमस्कार से एंडोक्राइन ग्लैंड खासकर थायराइड ग्लैंड की क्रियाशील होती है इससे पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है और शरीर नम्य एवं लचीला होता है। सूर्य नमस्कार के द्वारा हम प्रकृति के अभिन्न अंग अर्थात सूर्य के प्रति कृतज्ञता तो दिखाते ही हैं उसके साथ-साथ मस्तिष्क से लेकर चरणों तक अपने शरीर को लयबद्ध करते हुए असीम ऊर्जा प्राप्त करते हैं। कार्यक्रम के माध्यम से समिति ने समस्त विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है एवं विवेकानन्द जी के मूल्यों व आदर्शों का पालन कर राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए प्रेरणा देने का सार्थक प्रयास किया ।

पहली बार दीयों से बनाया छायाचित्र

चित्र से उठती हुई लौ स्वामी जी की वाणी के समान प्रभावशाली प्रतीत हो रही थी तथा सम्पूर्ण वातावरण को सकारात्मकता से परिपूर्ण कर रही थी। इस प्रकार के छायाचित्र का निर्माण संस्थान में पहली बार किया गया है। स्टूडेंट्स ने बहुत भावों के साथ यह कार्य किया और इसकी प्रसन्नता उनके चेहरों पर दिख रही थी। 30 स्टूडेंट्स ने मिलकर यह दीये बनाए। - डॉ. सविता दीक्षित, संयोजिका तूर्यनाद