ले. जनरल दास ने किया जीओसी, एमबी एरिया सिग्नल अभिलेख कार्यालय का दौरा

ले. जनरल दास ने किया जीओसी, एमबी एरिया सिग्नल अभिलेख कार्यालय का दौरा

जबलपुर। लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास जीओसी एमबी एरिया ने सिग्नलस अभिलेख कार्यालय का दौरा किया, जिसके दौरान उन्हें सिग्नलस कोर के प्रभावी मानव संसाधन प्रबंधन और सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अभिलेख कार्यालय द्वारा बनाई गई विभिन्न स्वचालित प्रकियाओं पर प्रदर्शन के साथ तकनीकी और प्रशासनिक प्रगति के बारे में जानकारी दी गई।

आईटी सुधारों की मुख्य विशेषताओं में आईटी अधिनियम 2000 के अंतर्गत सरकार द्वारा वैध डिजिटल प्रमाणीकरण विधियों का पैपरलेस प्रचलित कार्यालय के लिए अधिकतम उपयोगए वास्तविक समय सीमा में पत्राचार का ऑनलाइन प्रसारण, व्यक्तिगत वेतन और पेन्शन जैसे विषयों के लिए लागू स्वचालित सुविधाएं शामिल हैं जैसे कि भविष्य निधि की ऑनलाइन निकासी और सिस्टम उत्पादित माध्यम में सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों तक सीधी पहुंच, सैनिको, भूतपूर्व सैनिकों और मृतक सैनिकों के परिजनों के दावों का एकीकृत निपटारा। सिग्नलस अभिलेख कार्यालय द्वारा की गई आईटी पहलों ने जनशक्ति और सार्वजनिक धन की बचत के अलावा संगठन की पारदर्शिताए संतुष्टि स्तर और समग्र दक्षता में स्पष्ट सुधार लाए हैं। जनरल ऑफिसर ने पथप्रदर्शक और महत्वपूर्ण सुधारों के लिए ब्रिगेडियर राहुल मलिक, ऑफिसर इन्चार्ज अभिलेख कार्यालय, कर्नल नरेश कुमार, कर्नल अभिलेख और अभिलेख टीम को बधाई दी।

दूरदराज के भूपू सैनिकों के आश्रितों तक पहुंच

अभिलेख कार्यालय द्वारा की गई अन्य महत्वपूर्ण पहलों में दूर-दराज के भूतपूर्व सैनिको तथा उनके आश्रितों तक लगातार पहुंच बनाना और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान प्रदान करना शामिल है। कम समय के दौरान ऐतिहासिक मात्रा में आधारभूत संरचना बनाकर निर्धारित मानदंडों के भीतर सरकारी अनुदान के विवेकपूर्ण प्रबंधन के साथ अभिलेख कार्यालय के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया गया जिससे सैनिकों के काम करने और रहने की स्थिति में सुधार हुआ जिससे उनके मनोबल में बढोतरी हुई जिससे वे अधिकतम योगदान दे पा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अभिलेख कार्यालय द्वारा किए गए अध्ययन संपूर्ण भारतीय सेना के लिए प्रबंधन और समग्र नीति निर्माण को मजबूत करेंगे। जीओसी ने निर्देश दिया कि ऑटोमेशन के क्षेत्र में संतुष्टि का जो स्तर प्राप्त हुआ है, इसका सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए सेना के अन्य प्रतिष्ठानों और संगठनों द्वारा अनुकरण किया जाना चाहिए।