वाटर हार्वेस्टिंग:12 साल में जमा करवा लिए साढ़े 5 करोड़ न लगे सिस्टम न पैसा हुआ वापस

वाटर हार्वेस्टिंग:12 साल में जमा करवा लिए साढ़े 5 करोड़ न लगे सिस्टम न पैसा हुआ वापस

जबलपुर । शहर के गिरते जलस्तर को संभालने के लिए 2008 में शासन ने हर आवास निर्माण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग करवाना अनिवार्य किया था जिसके लिए नक्शा स्वीकृत करने के लिए वर्गफीट के आधार पर राशि जमा करवाना जरूरी था। नक्शे पास होते गए,राशि भी बढ़ती गई जो कि अब साढ़े 5 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है,मगर शहर का जलस्तर बदस्तूर नीचे ही जा रहा है। शहर व अंचल के हजारों बोर,हैंडपंप का जलस्तर नीचे जाने से ये बेकार हो गए हैं। जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसे बचाने के लिए ही तत्कालीन सरकार ने तय किया था कि वर्षा जल संचयन के लिए हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे जिससे जलस्तर को गिरने से बचाया जा सके। इस सराहनीय योजना को उसके ही विभागों ने पलीता लगा रखा है।

निजी व सरकारी भवनों के लिए थी योजना

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निजी या सरकारी भवनों के लिए अनिवार्यता की गई थी। शहर में वर्ष 2009 से नगर निगमने इसे अनिवार्य करते हुए हर स्वीकृत नक्शे के पूर्व राशि जमा करवाना शुरू करवा दी गई थी। न तो नगर निगम किसी एजेंसी को अब तक तय कर पाया है जो जमा राशि के बदले भवनों में सिस्टम लगा दे और न ही भवन स्वामियों ने ही अपनी तरफ से इस सिस्टम को लगाने के लिए पहल की है।

कारगर हो सकती थी योजना

बारिश में बेहिसाब जल नाले-नालियों के माध्यम से बह जाता है। इसे बचाने और जमीन के अंदर ले जाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बेहद कारगर है। निवर्तमान महापौर डॉ स्वाती गोडबोले ने तो शहर में चौराहों मुख्य मार्गों में जगह-जगह रोड के किनारे इस तरह के गड्ढे करवाने का भी प्रस्ताव रखा था जिसके माध्यम से पानी जमीन में जाता मगर यह योजना भी घोषणा तक ही रह गई।

हजारों मकान बने मगर नहीं लगवाया सिस्टम

नगर निगम के नक्शा विभाग के अनुसार विगत 11 वर्षों में 5 हजार 143 मकान बने हैं जिनमें से मात्र 77 लोगों ने ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाकर अपनी जमा राशि वापस क्लेम की है। शासन द्वारा इसे अनिवार्य किए जाने के बावजूद नगर निगम निर्माण स्वीकृत करने के पूर्व इस सिस्टम को लगवाने के लिए सख्ती नहीं करता और केवल राशि जमा करवाकर शांत बैठ जाता है।

ये थे दिशा-निर्देश

वर्ष 2009 में मप्र शासन ने भूमि विकास नियम 1984 की धारा 78 के तहत वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया था। नगर निगम में जो भी 15सौ वर्गफीट से अधिक एरिया में भवन का निर्माण करेगा उसे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करना होगा।

अब मैसेज करेगा ननि

इस बारे में बात करने पर अधिकारियों का कहना था कि वे अब सभी भवन स्वामियों को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए मैसेज करेंगे। सवाल यह है कि या तो नगर निगम कोई एजेंसी तैयार करे जो घरों में जाकर इस सिस्टम को लगाए और भुगतान सीधे ननि से ले ले,या फिर भवनस्वामी ही किसी से संपर्क कर इस सिस्टम को लगवाएं।

कैसे लगता है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

भवनों में छत से लेकर नीचे तक पाइप लाइन जाती है जिसके माध्यम से वर्षा में गिरने वाला जल इस पाइप लाइन के माध्यम से एक गड्ढे तक जाता है जिसमें नमक कोयला की सतह बिछाकर उसमें गिट्टी भी डालकर गड्ढे के मुहाने तक पाइप डालकर कवर्ड कर दिया जाता है इससे छत से पाइप लाइन के माध्यम से आने वाला पानी छनकर जमीन में समाता रहता है और उस भवन के आसपास का जलस्तर मेन्टेन रहता है।

फैक्ट फाइल

2008 से लागू है योजना

2009 से भवन स्वीकृति के पूर्व राशि होने लगी जमा

5.42 करोड़ रुपए हो चुके हैं जमा

10 से 20 हजार रुपए आता है खर्च

5 से 7 हजार भवन बन चुके

100 से कम भवनों में लग पाया सिस्टम