विप्रो, इन्फोसिस और टीसीएस पर पड़ सकता है बैंकिंग संकट का बुरा प्रभाव

विप्रो, इन्फोसिस और टीसीएस पर पड़ सकता है बैंकिंग संकट का बुरा प्रभाव

नई दिल्ली। अमेरिका में दो बैंक डूब चुके हैं और कई दूसरे बैंक अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यूरोप के सबसे बड़े बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस की हालत खराब है। इससे भारत का 245 अरब डॉलर का आईटी बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (आईटी-बीपीएम) इंडस्ट्री का भविष्य खतरे में है। एनालिस्ट्स का कहना है कि इस इंडस्ट्री का 41 फीसदी रेवेन्यू बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस (बीएफएसआई) सेक्टर से आता है। दुनिया के बड़े बैंकों के डूबने से इस सेक्टर का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। ये बैंक न केवल अपने मौजूदा टेक बजट में कटौती कर सकते हैं, बल्कि आगे की डील्स को भी बंद कर सकते हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर बैंकिंग संकट गहराता है तो इसका सबसे ज्यादा असर टीसीएस , इन्फोसिस, विप्रो और एलटीआईमाइंडट्री पर पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों का अमेरिका के फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के साथ सबसे ज्यादा बिजनेस है।

किस कंपनी का कितना रेवेन्यू बीएफएसआई से 

आईटी इंडस्ट्री की संस्था नैसकॉम के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023 में इंडस्ट्री का 41 फीसदी बीएफएसआई से आया। इसमें नॉर्थ अमेरिका की हिस्सेदारी 50% से अधिक है। विप्रो का 35% रेवेन्यू बीएफएसआई से है। इसी तरह देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस का 31.5%, इन्फोसिस का 29.3 % और एचसीएल का 20 % रेवेन्यू इस सेक्टर से आता है। टेक महिंद्रा के रेवेन्यू में 16% हिस्सा बीएफएसआई से आता है।

बीएफएसआई क्यों है जरूरी

फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म सेलेंट के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में इन बैंकों का आईटी बजट 82 अरब डॉलर था, जबकि दुनिया का बजट 250 अरब डॉलर था। बैंकों के टेक बजट पर खर्च से भारतीय आईटी कंपनियों को काफी फायदा हुआ। आईटी कंसलटेंसी रिसर्च फर्म एवरेस्ट ग्रुप के फाउंडर Peter Bendor Samuel के मुताबिक टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और माइंडट्री का अपने बैंकिंग वर्टिकल के जरिए नॉर्थ अमेरिका के रीजनल बैंकों में एक्सपोजर है। बैंकिंग संकट के कारण शॉर्ट टर्म में उनके बीएफएसआई ग्रोथ पर असर पड़ेगा।

अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली मजबूत: अमेरिकी वित्त मंत्री

अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कुछ बैंकों के नाकाम होने से पैदा हुई आशंकाएं मंगलवार को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली ‘मजबूत’ बनी हुई है और कुल मिलाकर हालात अब स्थिर हो रहे हैं। येलेन ने अमेरिकन बैंकर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कुछ बैंकों की विफलता से पैदा हुई आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने कहा कि आगे इस तरह की और नाकामियां होने पर वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं साफ-साफ कहना चाहती हूं कि जमाकर्ताओं की बचत और बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित रखने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी वित्त मंत्री को इस हμते संसद की दो समितियों के समक्ष पेश होना है, जहां पर उनसे इस मामले में सवाल-जवाब किए जा सकते हैं।