बारिश शुरू होने के साथ सारू-मारू, गड़रिया घाट और अमरगढ़ में होगी ट्रैकिंग

बारिश शुरू होने के साथ सारू-मारू, गड़रिया घाट और अमरगढ़ में होगी ट्रैकिंग

मानसून के सीजन में भोपाल और आसपास के इलाकों की खूबसूरती बढ़ जाती है और फिर शहरवासी हरियाली और झरनों के बीच पहुंचने की प्लानिंग करने लगते हैं। भोपाल से 65 किलोमीटर दूर अमरगढ़ वाटरफॉल है। यहां 150 फीट ऊंचाई से झरना गिरता है। भोपाल समेत आसपास के 100 किलोमीटर के दायरे में यह सबसे बड़ा वॉटरफॉल है। ऐसे एक नहीं, कई झरने हैं। वहीं 200 किलोमीटर के दायरे में ऐसे कई स्पॉट्स हैं जहां वक्त बिता सकते हैं और ट्रैकिंग कर सकते हैं। कई ट्रैकर्स बारिश शुरू होने के साथ ही इन लोकेशंस पर लोगों को लेकर जाने वाले हैं।

कैरी के महादेव -भोपाल से 42 किमी  

यहां ट्रैकिंग करते हुए वन्य प्राणी देख सकते  हैं, जैसे चीतल, लंगूर, नीलगाय आदि। वन विभाग का गाइड यहां साथ में रहता है। यह स्थान झिरी से 12 किमी दूर है। कोलार रोड पर स्थित बेतवा नदी के उद्गम से 12 किमी जंगल में है। यहां जाने के लिए रातापानी सेंचुरी के गेट में से जाना पड़ता है।

सारू-मारू - भोपाल से 84 किमी

औबेदुल्लागंज या कोलार से होते हुए सलकनपुर मंदिर पहुंचने के बाद ट्रैकिंग के लिए इससे आगे लगभग ढाई किमी दूर सारू-मारू ट्रैक पर पहुंच सकते हैं। यहां से और आगे बढ़ने पर ऊंचाई पर शिव मंदिर व झरने भी देखने को मिलते हैं।

अमरगढ़ फॉल - भोपाल से 65 किमी  

अमरगढ़ वाटर फॉल भीड़भाड़ वाला ट्रैक बन गया है।  रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के बीचों-बीच बने अमरगढ़ वाटर फॉल सेल्फी लवर्स को भी अपनी ओर खींचता है। भोपाल से 65 किमी दूर शाहगंज जाते वक्त खटपुरा गांव में विंध्याचल पर्वतों के बीच स्थित 45 मीटर ऊंचे इस प्राकृतिक झरने को देखने सैलानी पहुंचते हैं।

महादेव पानी - भोपाल से 29 किमी

भोपाल विदिशा रोड पर स्थित महादेव पानी खासतौर पर यूथ को अट्रैक्ट करता है भोपाल से विदिशा जाने वाले रोड पर बिलखिरिया थाने से करीब 10 किमी दूर महादेव पानी स्थित है। यहां तक जाने के लिए मुख्य मार्ग से करीब 5 किमी. अंदर जंगल की ओर कच्चे रास्तों से होते हुए जाना पड़ता है।  जंगल के रास्ते सीधे झरने तक पहुंचने के लिए पगडंडियां बनी हैं। वाहन को पार्क करने के बाद करीब 70 फीट गहराई में पत्थरों के सहारे उतरना पड़ता है।

समरधा ट्रैक - भोपाल से 30 किमी

समरधा ट्रेक पहाड़ों के दुर्गम रास्तों के बीच स्थित है। मानसून ट्रैकिंग के दौरान यहां नदी में थोड़ा सा उफान रहता है। यह ट्रेक सिर्फ 10 किमी का है। यही से महादेव पानी के लिए भी रास्ता है, जो कि ट्रैकिंग स्थल है।

नए ट्रैक एरिया कराएंगे कवर

हम मानसून में बुधनी में इस बार ट्रैकिंग मिड घाट से न करते हुए गड़रिया नाले से करेंगे जो एक खूबसूरत ट्रैक है। इसके अलावा चिड़िखो सेंचुरी नरसिंहगढ़ जाएंगे जो कि नेचुरल ट्रेल हैं जिसमें बच्चों को भी बड़ा आनंद आएगा। यह श्याम सांका की छत्री और 16 खंबा जैसी खूबूसरत नक्काशी वाली प्राचीन धरोहर भी हैं। इसके अलावा सलकनपुर से आगे सारू-मारू ट्रैक भी कवर करेंगे।
                                                                                                                                                  -संजय मधुप, इंटरनेशनल ट्रेकर