हफ्ते भर से प्यासे तिलहरी के 12 सौ परिवार, 3 में से 2 बोर खराब

हफ्ते भर से प्यासे तिलहरी के 12 सौ परिवार, 3 में से 2 बोर खराब

जबलपुर ।  मदनमहल की पहाड़ियो से विस्थापित कर तिलहरी में बसाए गए परिवार करीब साल भर से यहां लगे 3 बोर पर पेयजल के लिए आश्रित हैं। इसी बोर से उनके निर्माणाधीन मकानों के लिए प्रयुक्त होने वाले पानी का निस्तार होता है। विगत 6 महीनों में ये बोर कई बार खराब हो चुके हैं जिनकी मरम्मत करवाकर इन्हें फिर उपयोग लायक बना दिया जाता है। विगत एक सप्ताह से यहां 3 में से 2 बोर बंद हैं जिसके चलते लोगों को न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही वे अपने मकानों का काम ही करवा पा रहे हैं। स्थानीय जनों ने इस समस्या की ओर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का कई बार ध्यान आकर्षित करवाया है मगर समस्या का स्थाई उपचार नहीं ढूंढा जा रहा है। गौरतलब है कि तिलहरी में बसाए गए 12 सौ परिवार जिनकी कुल आबादी 5 से 6 हजार है,के लिए आवास बनाने के लिए पीएम आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपए का अनुदान भी दिया जा रहा है जिसमें से ज्यादातर को मकान बनाने की दो किश्तें दे भी दी गई हैं। मकान बनाने के काम में भी पानी की जरूरत होती है जिसे वे बोर से मिलने वाले पानी से पूरा करते थे। अब दो बोर खराब होने से उनकी दिक्कतें बढ़ गई हैं।

रोज हो रहे झगड़े

अब जो बोर चालू है वह बस्ती से काफी दूरी पर है जहां से पानी लेने के लिए भीड़ मची रहती है। यहां पानी को लेकर लोग आपस में प्रतिदिन लड़ाइयां कर रहे हैं। विवादों के चलते किसी भी दिन अप्रिय स्थिति भी निर्मित हो सकती है। यहां के ज्यादातर परिवार पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।

चाहे जब बंद हो जाती हैं मोटर

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर निगम ने यहां पेयजल समस्या के लिए बोर तो करवा दिए हैं मगर इनमें डाली गई मोटर घटिया क्वालिटी की हैं जो कुछ ही दिनों में जवाब दे देती हैं। इन्हें मैकेनिक भेजकर सुधरवा दिया जाता है तो फिर कुछ दिन चल जाती हैं। यदि बोर में डाली गई मोटरों की जांच हो तो इसका खुलासा हो सकता है।

भारी परेशानी से जूझ रहे

तिलहरी विस्थापित बस्ती के आसपास भी पेयजल या पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते लोग केवल इन्हीं तीनों बोर पर आश्रित हैं। जब तीनों बोर चालू होते हैं तो यहां लोगों को पानी की दिक्कत नहीं होती और उनका निस्तार चलता रहता है,मगर बोर खराब होने पर उन्हें भारी परेशानी से जूझना पड़ता है।

टंकी बनकर तैयार

यहां पर पेयजल की व्यवस्था का स्थाई हल ढूंढने के लिए और नर्मदा जल पहुंचाने के लिए नगर निगम ने अमृत योजना के अंतर्गत शहर में बनीं 16 में से 1 टंकी बनवाई है जो बनकर तैयार है मगर इससे अभी जलप्रदाय नहीं किया गया है। जब यह टंकी चालू हो जाएगी तो इस बस्ती की पेयजल समस्या स्थाई रूप से हल हो जाएगी।