सरकारी अस्पतालों से गर्भवतियों को दी जा रही प्राइवेट में जाने की सलाह

सरकारी अस्पतालों से गर्भवतियों को दी जा रही प्राइवेट में जाने की सलाह

जबलपुर । मेडिकल अस्पताल में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने गर्भवती महिलाएं एवं उनके परिजनों को प्राइवेट अस्पताल में डिलेवरी कराने संबंधी सुझाव देना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि मेडिकल अस्पताल में कोविड के 400 से अधिक मामले हैं और दिन-प्रतिदिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिला एवं नवजात बच्चे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आपको बता दें कि मेडिकल अस्पताल में रोजाना 30 से 35 महिलाओं की डिलेवरी होती है।

दूरी की वजह से महिलाओं की नापसंद है

विक्टोरिया और एल्गिन अस्पताल अस्पताल पहुंची गर्भवती महिलाओं ने बातचीत के दौरान बताया कि मेडिकल अस्पताल उनकी पसंद इसलिए है क्योंकि वह घर से नजदीक है। जिससे खाने-पीने व नवजात से मिलने के लिए लोग आसानी से आ जाते हैं। वहीं विक्टोरिया और एल्गिन अस्पताल काफी दूर हैं। वहीं गर्भवती महिला के परिजनों ने बातचीत में बताया कि मेडिकल अस्पताल में पहले भी उनके परिवार के कई बच्चों ने जन्म लिया है इसलिए वह यहां की सभी प्रक्रिया से परिचित हैं। परिजनों का कहना है कि अब कोरोना संक्रमण लगभग हर अस्पताल में पहुंच गया है।

प्राइवेट अस्पताल में नॉर्मल डिलेवरी के लग रहे 15 से 20 हजार

जबलपुर जिले में करीब 20 अस्पताल हैं जो डिलेवरी कराते हैं, लेकिन इन अस्पतालों की फीस इतनी अधिक होती है कि गरीब परिवार इसकी भरपाई नहीं कर पा रहा है। जानकारी के अनुसार प्राइवेट अस्पताल द्वारा इन दिनों नॉर्मल डिलेवरी के चार्ज 15 से 20 हजार एवं सीजर डिलेवरी के चार्ज 25 से 35 हजार के बीच बताए जा रहे हैं।