ध्रुपद गुरु गुंदेचा बंधुओं पर यौन शोषण के आरोप, आतंरिक समिति का हुआ गठन

ध्रुपद गुरु गुंदेचा बंधुओं पर यौन शोषण के आरोप, आतंरिक समिति का हुआ गठन

भोपाल। शहर की प्रतिष्ठित आवासीय संगीत गुरुकुल ‘ध्रुपद संस्थान’ के दो लोकप्रिय गुरु स्व. रमाकांत गुंदेचा और अखिलेश गुंदेचा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं।  इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ध्रुपद फैमिली यूरोप’ नाम से एक फेसबुक ग्रुप की पोस्ट के बाद ये आरोप पहली बार सामने आए।  इसके साथ ही इन संगीतकारों के छात्रों को ईमेल किए गए, जिसमें इन दोनों गुरुओं द्वारा कई सालों तक यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए गए हैं।  एम्सटर्डम की एक योग शिक्षक ने यह फेसबुक पोस्ट लिखी थी, जिनका कहना है कि उन्होंने अपनी एक दोस्त की ओर से इस तथ्य को सार्वजनिक किया है, क्योंकि वह अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहती हैं।  गुंदेचा बंधुओं में से रमाकांत की पिछले साल दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उनके बड़े भाई उमाकांत गुंदेचा ध्रुपद संस्थान के प्रमुख हैं।  अखिलेश गुंदेचा इनके छोटे भाई हैं और पखावज वादक हैं।  गुंदेचा बंधुओं को 2012 में पद्मश्री और 2017 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।  बता दें कि ध्रुपद देश के सबसे पुराने शास्त्रीय संगीत प्रारूपों में से एक है। ध्रुपद संस्थान एक आवासीय शास्त्रीय संगीत गुरुकुल है, जिसे यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया है। 


फेसबुक पर कही गई ये बातें 
 
फेसबुक पोस्ट में दोनों गुरुओं की धमकियों की वजह से कथित पीड़ितों के चुप्पी साधे रखने की बात कही गई। पोस्ट में कहा गया, ‘हमने सच्चाई कहने पर बदला लिए जाने के डर, लोगों द्वारा जज किए जाने के डर और हमें चुप रहने के लिए रमाकांत और अखिलेश गुंदेचा की धमकियों पर विश्वास कर चुप्पी साधे रखी। सौभाग्य से दुनियाभर में अब चीजें बदलने लगी हैं। वे हमें यह कहकर धमकी देते रहे कि उन्हें हमेशा वह मिलता है, जो वे चाहते हैं और वह ना सुनना पसंद नहीं करते। 'फेसबुक पोस्ट में कहा गया कि कई छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया और संगीत क्षेत्र में कॅरियर की बात कहकर उनसे समझौता करने को कहा गया और ना कहने का मतलब होता गुरुकुल में परेशानी।पोस्ट में गुरुओं द्वारा छात्राओं को गलत तरीके से छूने के आरोप भी लगाए गए हैं।  अखिलेश गुंदेचा की एक शिष्य का कहना है कि वह (अखिलेश) उसके रूपरंग और अपने अकेले होने के बारे में ही बातें करते रहते थे।  वह कहती हैं, ‘शुरुआत में मैंने अनदेखा किया। मैंने उन्हें बताया कि मैं यहां स्पष्ट इरादों के साथ संगीत सीखने आई हूं। वह मुझे लगातार मैसेज भेजते थे। एक बार मैंने उनसे इस बारे में बात की कि वह मेरे गुरु हैं, मेरे पिता की उम्र के हैं, इस पर उन्होंने कहा कि यह उनका दोष नहीं है, उनके सौंदर्य को देखकर वह खुद को काबू में नहीं रख सके। 'पीड़िता कहती हैं कि अखिलेश अपनी छात्राओं के बहुत नजदीक बैठते थे और कई बार उनके पीछे बैठते थे और संगीत सिखाने के लिए उनका हाथ पकड़ लेते थे। हर किसी को पता होता है कि कौन कब गलत तरीके से छू रहा है। मैं भ्रम में थी और असहज थी। अब तक जो कुछ हुआ, उसके बारे में मैंने सिर्फ अपने परिवार को बताया है।  मैंने संस्थान में किसी और के साथ इसके बारे में बात नहीं की।’पीड़िता कहती हैं, ‘मैंने एक बार कुछ छात्राओं को अखिलेश से इस बारे में बात करते सुना था, जिस पर अखिलेश ने कहा था, तुम्हें जो करना है, कर लो। जरूरत पड़े तो प्रेस में चली जाओ, मेरा कोई कुछ नहीं बिगड़ पाएगा।  ’उनके अनुसार, विशेष रूप से छोटे-छोटे कस्बों से आईं छात्राओं ने संगीत सीखने की वजह से इस दुर्व्यवहार को सहा। वह कहती हैं, ‘उनके (गुंदेचा) पास शक्ति थी कि वह आपको संगीत क्षेत्र से बाहर कर सकते थे। आपको कोई कंसर्ट नहीं मिलता और कोई कॅरियर नहीं होता।''

 
अखिलेश गुंदेचा ने ध्रुपद संसथान की सभी गतिविधियों से किया दूर :

इन आरोपों के बाद ध्रुपद संस्थान की ओर से एक लेटर के जरिए बयान जारी किया गया है।  इसमें लिखा गया है कि इन आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है।  समिति अखिलेश गुंदेचा पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगी और जब तक समिति की रिपोर्ट पेश नहीं होती, तब तक अखिलेश गुंदेचा ने स्वेच्छा से खुद को ध्रुपद संस्थान की सभी गतिविधियों से दूर कर लिया है। संस्थान का कहना है कि समिति बिना पक्षपात के जांच करेगी।  बयान में कहा गया कि सुरक्षित माहौल और निष्पक्ष शिक्षण हमेशा से ही ध्रुपद संस्थान की सर्वोपरि चिंता रही है।