चीन का प्रोपेगेंडा वॉर पड़ा उल्टा भारत का दावा और भी मजबू

चीन का प्रोपेगेंडा वॉर पड़ा उल्टा भारत का दावा और भी मजबू

पेइचिंग। लद्दाख में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वार चलाना चीनी सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी-4 को महंगा पड़ गया। सीसीटीवी ने सोमवार की रात को सैटलाइट से मिली नई तस्वीरें जारी कीं। इसमें सीसीटीवी ने दिखाया कि मई महीने में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को गलवान घाटी में भारतीय इलाके की तरफ वैध गतिविधियों से रोकने का प्रयास किया था। चीन के इस स्वीकारोक्ति के बाद अब भारत का यह दावा और मजबूत हो गया है कि चीन ने भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी। गलवान घाटी में ठीक एक महीने बाद इसी जगह पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। मई में शुरू हुए विवाद के बाद चीन ने अब समझौते के बाद अपनी सेना को इस इलाके से डेढ़ किमी पीछे हटा लिया है।

चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके में की थी घुसपैठ

चीन के टीवी चैनल सीसीटीवी-4 पर दिखाए गए प्रोग्राम में भारत के एक हेलीपैड और गलवान नदी के पेट्रोल पॉइंट-14 पर शिविर दिखाए गए हैं। ये समुद्र से करीब 14 हजार किमी की ऊंचाई पर स्थित हैं। इससे पहले 15 जून को चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने उन्हें करारा जवाब दिया था। चीन के भी कई जवान इस कार्रवाई में हताहत हो गए थे।

गलवान नदी घाटी रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण

दरअसल, गलवान नदी घाटी रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इसके जरिए चीनी सैनिक आसानी से भारतीय इलाकों को देख सकते हैं। भारत ने हमेशा कहा है कि गलवान नदी के तटबंध वाला इलाका हमारा है जो पेट्रोल पॉइंट- 14 तक जाता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा था कि चीनी पक्ष ने मई महीने में भारत के सैनिकों की परंपरागत गश्त को रोकने का प्रयास किया।