इजरायल में देश के गद्दारों की रद्द होगी नागरिकता

इजरायल में देश के गद्दारों की रद्द होगी नागरिकता

जेरूसलम। इजरायल में नागरिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होता है, आतंकी गतिविधियों या देश की जासूसी करने के लिए दोषी पाया जाता है तो उसकी नागरिकता छीनी जा सकती है। यानी उसकी नागरिकता वापस लेने का सरकार को पूरा अधिकार है। इसमें ये भी सवाल आया कि अगर वो नागरिक इजरायल का ही हुआ तो उसे किसी दूसरे देश में कैसे डिपोर्ट किया जा सकता है, इस पर कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति में उस व्यक्ति की नागरिकता तो रद्द की जा सकती है, उसका मतदान अधिकार भी छीना जा सकता है, लेकिन उसे देश में रहने की इजाजत होगी। इसके लिए आंतरिक मंत्रालय रेसीडेंसी परमिट जारी करेगा। यह फैसला इजरायल के दो फिलिस्तीनी नागरिकों के मामलों में अलग-अलग अपील के बाद आया, जिन्हें इजरायली नागरिकों पर हमले का दोषी पाया गया था। 2017 में इजरायल की जिला अदालत ने इनके कृत्यों के कारण इनकी नागरिकता रद्द करने का फैसला किया था, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा।

विदेशों में भी नागरिकता रद्द करने का है कानून

???? अमेरिका में उन नागरिकों की नागरिकता रद्द नहीं हो सकती, जो अमेरिका में ही जन्मे हैं। अमेरिका में किसी बाहरी व्यक्ति की नागरिकता किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े होने पर छीनी जा सकती है। अमेरिकी में किसी भी तरह के अपराध में व्यक्ति कैद में है, तब उसे मतदान का अधिकार नहीं होता है।

???? आॅस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा महसूस होने पर किसी की नागरिकता छीनी जा सकती है, बशर्ते वो उस व्यक्ति को पास दोहरी नागरिकता हो।

???? फ्रांस, ग्रीस, रोमानिया समेत 14 यूरोपीय देशों में देशद्रोह में दोषी होने पर नागरिकता वापस लेने का प्रावधान है।

???? नीदरलैंड्स में सरकार के पास बिना किसी सूचना के नागरिकता खत्म करने का अधिकार है।

फिलीस्तीनी मूल के नागरिकों ने जताया विरोध

इधर फैसले के बाद वहां की सरकार और फिलिस्तीनी मूल के नागरिकों के बीच एक नया संघर्ष शुरू हो गया है। इजरायल में अरब अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाले संगठनों का आरोप है कि इजरायल इस कानून का प्रयोग फिलिस्तीनी मूल के लोगों के खिलाफ करेगा। एक अनुमान के मुताबिक इजरायल की आबादी में फिलिस्तीनी मूल के नागरिकों की संख्या करीब 20 प्रतिशत है।

पुलिस पर पत्थर फेंकने वाला देशद्रोही नहीं

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नागरिकता रद्द करने को लेकर कई पाबंदियां भी लगाई हैं, कई शर्तों को भी इसमें जोड़ा है। ये भी स्पष्ट किया है कि देश विरोध का अर्थ ये ना हो कि पुलिस के खिलाफ हर पत्थर फेंकने वाले को देशविरोधी मानकर उसकी नागरिकता छीन ली जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये कानून इजरायल को दूसरे लोकतांत्रिक देशों के कानूनों के और करीब लाएगा।