कमजोर वर्ग को मजबूत करेगी कांग्रेस

कमजोर वर्ग को मजबूत करेगी कांग्रेस

उदयपुर। सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले की तरफ कदम बढ़ाते हुए संगठन में सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दे सकती है। नवसंकल्प चिंतन शिविर के माध्यम से पार्टी ने महिला आरक्षण के संदर्भ में कोटा के भीतर कोटा के मामले पर अपने रुख में बदलाव करने के संकेत दिए हैं। उसका कहना है कि वह संसद एवं विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के साथ ही इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों की महिलाओं को अलग आरक्षण देने के पक्ष में है। पार्टी निजी क्षेत्र में आरक्षण और जातिगत जनगणना के पक्ष में भी खुलकर रुख अपना सकती है।

सामाजिक न्याय सलाहकार समिति बनाने का प्रस्ताव

चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की सामाजिक न्याय संबंधी समन्वय समिति की बैठक में शनिवार को इन बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई। इस समिति के सदस्य राजू ने कहा, इसको लेकर चर्चा की गई कि क्या संगठनात्मक सुधार करने चाहिए जिससे पार्टी कमजोर तबकों को संदेश दे सके। हम प्रयास करेंगे कि ये समुदाय महसूस करें कि कांग्रेस उनके सशक्तीकरण को लेकर प्रतिबद्ध है। यह प्रस्ताव भी आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन एक सामाजिक न्याय सलाहकार समिति बनाई जाए जो सुझाव देगी कि ऐसे क्या कदम उठाए जाने चाहिए जिससे कि इन तबकों का विश्वास जीता जा सके। राजू ने कहा,कांग्रेस का संविधान एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को 20 प्रतिशत आरक्षण देता है। समूह ने फैसला किया है कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों को ब्लॉक कमेटी से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक सभी समितियों में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया जाए। कुछ लोगों की यह भी राय है कि इन समुदायों के लिए प्रतिनिधित्व को 50 प्रतिशत से अधिक किया जाए।

राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय

कांग्रेस में लंबे समय से चल रही राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग अब पूरी होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार चिंतन शिविर में शनिवार को इस पर फैसला लेने के लिए सोनिया गांधी ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर राहुल को पार्टी की कमान सौंपने पर सहमति जाहिर की। बताया जा रहा है कि अब रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल को अध्यक्ष घोषित करना लगभग तय है।