माघ के महीने में सावन सी झड़ी ओलों ने मचाया कोहराम
जबलपुर। जाते हुए माघ के महीने में सावन की झड़ी सी बारिश देख रविवार की सुबह लोग हैरत में आ गए। चक्रवातीय परिसंचरण की सक्रियता के चलते मौसम में ये बदलाव देखने मिल रहा है। इस पर जब बारिश के साथ ओले गिरने लगे तो लोगों में कोहराम मच गया जो जिधर था छज्जों और टीन शेड या दुकानों मे शरण लेने पहुंच गया। दक्षिणी गुजरात के ऊपर मध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय चक्रवातीय परिसंचरण के असर से रविवार की सुबह पूर्वी मप्र के जिलों में जमकर बारिश हुई और ओले गिरे। इसके चलते गेहूं,चना,मसूर व मटर की फसलों को खासा नुकसान हुआ है।
वहीं बेमौसम बारिश के चलते जनजीवन भी अस्त-व्यस्त रहा। जबलपुर के शहरी व ग्रामीण इलाकों में सुबह करीब घंटे भर तेज बारिश हुई और बाद में ओले गिरने लगे। इस बारिश से किसानों को नुकसान पहुंचा है।भारतीय किसान संघ ने तत्काल सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने की मांग भी की है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवातीय परिसंचरण अभी सक्रिय है,जो दक्षिण पश्चिमी हवाओं के साथ अरब सागर से नमी खींच रहा है। वहीं दक्षिण कर्नाटक से लेकर विदर्भ तक फैली ट्रफ लाइन मध्य समुद्र तल से 0.9 किमी ऊंचाई पर स्थित है जो पूर्व मध्य भारत में प्रति चक्रवातीय दक्षिण-पूर्वी हवाओं के साथ बंगाल की खाड़ी से नमी मप्र के पूर्वी हिस्सों की ओर ला रही है।
ये जिले आरेंज अलर्ट में
गरज चमक एवं वज्रपात,30 से 40 किमी प्रति घंटे की हवाओं,वज्रपात व ओलावृष्टि की संभावनाओं के चलते डिंडौरी,अनूपपुर,शहडोल,जबलपुर , सिवनी और मंडला जिलों में आरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं यलो अलर्ट के तहत वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना वाले जिलों में नर्मदापुरम,कटनी,सीधी, नरसिंहपुर, सिंगरौली, उमरिया, बालाघाट और छिंदवाड़ा शामिल हैं।
ऐसा रहा मौसम का मिजाज
रविवार को जबलपुर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो कि सामान्य से 5 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री रहा जो कि सामान्य रहा। आर्द्रता 93 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशा उत्तरी 4 किमी प्रति घंटा रही। पूर्वानुमान में संभाग के जिलों में वर्षा या गरज- चमक के साथ बौछारों की संभावना बताई गई है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि के साथ तेज हवाएं भी चलेंगी।