युद्ध के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर का अभी आकलन मुश्किल

युद्ध के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर का अभी आकलन मुश्किल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान के निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा है कि रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक वृहद आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ी हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में अभी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा। चक्रवर्ती ने साक्षात्कार में कहा कि उच्च आवृत्ति के आंकड़ों से पता चलता है कि कई देशों में मुद्रास्फीति अपेक्षा से अधिक है। इसके अलावा आपूर्ति शृंखला में व्यवधान है और वित्तीय बाजारों में बहुत अधिक अस्थिरता है। उन्होंने कहा, जब हम कोविड- 19 महामारी के प्रभाव से उबर रहे हैं, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर वृहद आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी है। उन्होंने कहा, हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रभाव का अभी अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा। अर्थशास्त्री चक्रवर्ती ने कहा कि भारत की मौजूदा वृहद आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से पहले की तुलना में बेहतर है लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण देश को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ अपना सैन्य आक्रमण शुरू किया।