आग का कहर 5 साल में जिंदा जल गए 80 हजार से ज्यादा लोग

आग का कहर  5 साल में जिंदा जल गए 80 हजार से ज्यादा लोग

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मुंडका इलाके में शुक्रवार शाम तीन मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई। आग लगने व इससे लोगों की जान जाने की ये पहली घटना नहीं है। इसके पहले गुरुवार 13 मई को श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों की बस में धमाके के बाद आग लग गई। इसमें चार श्रद्धालु जिंदा जल गए थे। आंकड़े बताते हैं कि एक साल के अंदर ऐसे 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, इनमें नौ हजार से ज्यादा लोग जिंदा जलकर खाक हो गए। दिल्ली में शुक्रवार को हुई घटना के बारे में बताया जा रहा है कि चार मंजिला इमारत, जिसके पास अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र नहीं था, में एक ही प्रवेश और निकास मार्ग था, जो हताहतों की बड़ी संख्या का कारण हो सकता है। प्रवेश और निकास के लिए केवल एक संकरी सीढ़ी थी, जिससे जलती हुई इमारत से बाहर निकलना मुश्किल हो गया।

राहत : साल दर साल आग लगने की घटनाओं और मृतकों की संख्या में हो रही गिरावट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की वेबसाइट पर 2015 से लेकर 2020 तक का डेटा उपलब्ध है। 2021 का डेटा अभी जारी नहीं हुआ है। इन पांच सालों में आग में झुलस कर मरने वालों का जो आंकड़ा है, वो डराने वाला है। ब्यूरो के अनुसार, 2015 से लेकर 2020 तक अलग-अलग जगहों पर आग लगने की 82 हजार घटनाएं दर्ज हैं। इनमें 80 हजार 242 लोगों की मौत हो गई। वर्ष 2020 में देशभर के अंदर 9,329 जगह आग लगने की घटनाएं हुईं। इनमें 9,110 लोग जिंदा जलकर मर गए। इनमें 4,954 महिलाएं और 4,156 पुरुष थे। 468 लोग घायल हुए। 2019 की बात करें तो आगजनी की 11,037 घटनाएं दर्ज हैं। तब 10 हजार 915 लोगों की मौत हुई थी। राहत की बात है कि साल दर साल आग लगने की घटनाओं और मृतकों की संख्या में गिरावट हो रही है।

दिल्ली में 27 की मौत, 29 लापता

दिल्ली के मुंडका में इमारत में भीषण आग के एक दिन बाद बदहवास रिश्तेदार अब भी अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि 29 लोगों का पता नहीं चल पाया है। इस घटना में 27 लोगों की मौत हो गई है। शनिवार की सुबह आग बुझाने के अभियान के दौरान इमारत में झुलसे हुए अवशेष पाए जाने के कारण मृतक संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है।

इन बातों का ख्याल रखें

???? ऊंची इमारतों में दो अलग-अलग तरफ कम से कम दो सीढ़ियों का होना जरूरी है।

???? इमारतों में फायर अलार्म होना अनिवार्य है।

???? किचन का स्पेस खुला होना चाहिए।

???? किचन में कम से कम एक खिड़की होना चाहिए, यह एक वर्ग मीटर से कम नहीं होना चाहिए।

???? बिल्डिंग में 15 मीटर के बाद कोई ढलान का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

रिहायशी बिल्डिंगों में हुर्इं सबसे ज्यादा घटनाएं

आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं रिहायशी बिल्डिंग में हुई है। 2020 में रिहायशी इमारतों में आग लगने की 5,391 घटनाएं हुईं और इनमें 5,248 लोग मारे गए। कॉमर्शियल बिल्डिंग में इस तरह की 208 घटनाएं दर्ज हैं। इनमें 163 लोगों की जान चली गई। सरकारी इमारतों में आग लगने की 53 घटनाएं हुईं और इनमें 57 लोग जिंदा जल गए। 109 फैक्ट्रियों में आग लगने से 107 लोग जिंदा जलकर खाक हो गए। 2020 में 257 चलती गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं दर्ज हैं।

  कब कितने लोगों की मौत हुई?                                                               
वर्ष               हादसे                  मृतक
2020            9,329                   9,110
2019           11,037                10,915
2018           13,099                 12,748
2017           13,397                 13,159
2016          16,695                  16,900
2015         18,450                  17,700
कुल            82,007                  80,242

  टॉप-5 राज्य, जहां आग ने ली सबसे ज्यादा लोगों की जान
राज्य                         घटनाएं               मौतें
मध्य प्रदेश                 1,430              1,390
ओडिशा                    1,292              1,293
महाराष्ट्र                      762                  767
तमिलनाडु                743                  745
कर्नाटक                    560                 568
नोट : आंकड़े 2020 में हुई घटनाओं के हैं।