ट्रांसजेंडर्स समुदाय के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन आवश्यक: जस्टिस शील नागू
जबलपुर। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सेमीनार हॉल में संस्था द हमसफर ट्रस्ट के समन्वय एवं सहयोग से ट्रांसजेंडर समुदाय के हितार्थ कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू द्वारा उक्त कार्यशाला में वर्चुअल मोड़ के माध्यम से उपस्थित होकर ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिभागीगण तथा पैनल लॉयर्स, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं पैरालीगल वालेंटियर्स को संबोधित करते हुये इस बात पर बल दिया कि ऐसे समुदाय के हितार्थ शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु आवश्यक पहचान पत्र बनवाने एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु वर्तमान में समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने समुदाय के सदस्यगण को आश्वस्त किया कि उनकी विधिक एवं अन्य समस्याओं का त्वरित निराकरण करने का यथासंभव प्रयास किया जाएगा। सदस्य सचिव राजीव कर्महे द्वारा बताया गया कि उक्त समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने एवं आमजन में उनकी स्वीकार्यता बढाने के लिये भविष्य में समय-समय पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में इसी प्रकार जागरूकता एवं संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रांसजेंडर्स की पहचान को कानूनी मान्यता प्रदान करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नालसा विरुद्ध भारत संघ की याचिका में विस्तृत दिशा.निर्देश जारी किये गये है। जिससे ऐसे समुदाय के लोगों के मानवाधिकार संरक्षित हुये है। हमसफर ट्रस्ट की प्रतिनिधि सुश्री मनस्विनी वी ने ट्रांसजेंडर समुदाय के हितार्थ संस्था द्वारा संचालित की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी एवं आगामी रणनीति के बारे में बताया। कार्यशाला के दौरान प्रोफेसर भारती शुक्ला डॉ. राजकुमारी बंसल, अधिवक्ता नवेर्दु मिश्रा तथा अब्दुल रहीम के द्वारा भी जेंडर, सेक्स एवं लैंगिकता के विषय पर विचार व्यक्त करते हुये ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट कराया गया। सालसा की उपसचिव स्वप्नश्री सिंह द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य एवं आवश्यकता पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया।