न पंजा,न दस्ताने,महिला श्रमिक हाथ से फैला रही गर्म डामर

न पंजा,न दस्ताने,महिला श्रमिक हाथ से फैला रही गर्म डामर

जबलपुर। नगर निगम में छोटे और फील्ड में काम करने वाले श्रमिकों के प्रति जिम्मेदारों के क्रूर रवैये के चलते ये न तो अपनी तकलीफ किसी को बता पाते हैं और न ही दिए गए काम को मना कर पाते हैं। ऐसी ही विडंबना उस वक्त देखने मिली जबकि नगर निगम के लोक निर्माण विभाग की एक महिला श्रमिक बड़े फुहारा के पास गड्ढों में डामर लगाते हुए दिखी। चंदा बाई नामक यह महिला गर्म डामर को हाथ से फैलाते दिखी। जब पीपुल्स संवाददाता ने उससे पूछा कि डामर फैलाने पंजा या दस्ताने का उपयोग क्यों नहीं कर रहीं तो उसका कहना था कि ये हमें मिलता ही नहीं है। इसी तरह एक अन्य श्रमिक सीताराम चौधरी ने अपने दोनों पैर दिखाते हुए बताया कि उसके पंजे और घुटने के नीचे पिंडली के पास गर्म डामर से पैर झुलस गए हैं।

शहर में जगह-जगह दिखते हैं इस तरह के नजारे

ऐसा पहली बार नहीं देखा जा रहा है कि महिला श्रमिकों के साथ इस तरह की क्रू रता बरती गई हो। हर जोन के तहत वार्डों में जब भी इस तरह से गड्ढे भरवाए जाते हैं तो लोक निर्माण विभाग की महिला श्रमिक हाथ से ही डामर फैलाते दिखती हैं। ऐसा लंबे समय से हो रहा है मगर जिम्मेदारों ने चंद रुपयों के पंजे या दस्ताने ऐसे श्रमिकों को न देना समझ से परे है।

सफाई कर्मियों के और बुरे हाल

कुछ ऐसे ही हाल उन सफाई श्रमिकों के देखे जा सकते हैं जो नाली सफाई का काम करते हैं। चाहे वे नगर निगम के कर्मचारी हों या ठेकेदारों के ये बिना किसी सुरक्षा उपायों के नाली साफ करते दिखते हैं। इसे लेकर कई बार सवाल भी उठे मगर बेशर्म व्यवस्था पर कोई असर नहीं आता। इन कर्मचारियों के हितों का दावा करने वाले संगठन भी पता नहीं क्यों मौन रह जाते हैं। पहले तो इनके लिए स्वास्थ्य कैंप भी आयोजित किए जाते थे जो अब नहीं दिखते। यदि जांच करवाई जाए तो 80 फीसदी से ज्यादा सफाई कर्मचारी त्वचा रोग समेत कई संक्रामक और गंभीर बीमारियों से जूझते मिलेंगे।

आ रहे हैं पंजा और दस्ताने

मौके पर मौजूद सुपरवाइजर से जब इसका जवाब मांगा गया तो उसका कहना है कि पंजा और दस्ताने आने वाले हैं। काफी देर तक जब ये नहीं आए तो उसका जवाब था कि सुरक्षा के संसाधन हमें दिए ही नहीं जाते। ऐसे में मजदूरों से काम करवाना हमारी मजबूरी है। इन श्रमिकों को एक हाथ ठेले में मिक्स डामर रखवाकर मुख्य मार्गों पर जहां छिटपुट गड्ढे होते हैं वहां पर उन्हे भरने के लिए भेज दिया जाता है। किस जोन के तहत हो पूछे जाने पर सुपरवाइजर ने बताया कि हम जोन क्रमांक 5 के कर्मचारी हैं।

लोक निर्माण विभाग के वे कर्मचारी जो कि फील्ड में गड्ढे भरने के काम करते हैं के लिए पंजे और दस्तानों की व्यवस्था है,मैं पता करता हूं कि संबंधित जोन में उन्हें यह संसाधन क्यों नहीं मिले। आरके गुप्ता,कार्यपालन यंत्री,लोनिवि,ननि।

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को नाला-नाली सफाई के दौरान बाकायदा सभी तरह के सुरक्षा संसाधन जूते,दस्ताने इत्यादि दिए जाते हैं। इनके बिना इन्हें नाली में नही उतरने दिया जाता। भूपेन्द्र सिंह,स्वास्थ्य अधिकारी,ननि।