प्रदूषित पेयजल बड़ी समस्या,नालियों से पेयजल पाइप लाइन हटाने नहीं योजना

प्रदूषित पेयजल बड़ी समस्या,नालियों से पेयजल पाइप लाइन हटाने नहीं योजना

जबलपुर। शहर के कई हिस्सों में 40 साल तक पुरानी पाइप लाइनों से घरों तक आने वाला प्रदूषित पानी नागरिकों के लिए मुसीबत बना हुआ है। हर मौसम में यह लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है और बीमारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नालियों से पाइप लाइन हटाने के बारे में नगर निगम के पास कोई योजना नहीं है।

अमृत योजना केतहत 149 करोड़ से अधिक की राशि नई टंकियां व नए वार्डों में पेयजल की व्यवस्था में खर्च किए गए हैं मगर इसमें पुरानी पाइप लाइनें बदलने की कोई प्लानिंग नहीं थी। पाइप लाइनें बेहद पुरानी होने के चलते नाली के गंदे पानी के बीच जर्जर हो चुकी हैं और इनमें हुए छेदों से नाली का पानी शुद्ध पेयजल में मिलकर घरों तक पहुंच जाता है जो पेट की बीमारियों को जन्म दे रहा है।

इन इलाकों में समस्या ज्यादा

ऐसे तो प्रदूषित पानी की समस्या शहर के कई क्षेत्रों में है मगर लेमा गार्डन क्षेत्र में नाली से होकर गुजरने वाली पाइंप लाइन के चलते सैकड़ों परिवार परेशान हैं। यही लीकेज से गंदा पानी शांतिनगर,त्रिमूर्तिनगर,कृष्णा क ॉलोनी व इससे लगी कॉलोनियों में जा रहा है। दीक्षितपुरा में पाइप लाइनें नालियों में इतनी अंदर हो चुकी हैं कि वे पूरे समय गंदगी में ही डूबी रहती हैं। ऐसे ही हाल राजीव नगर चेरीताल में देखने मिला जहां पर नालियों से होकर पाइप लाइनें गुजर रही हैं।

लंबे खर्च से बच रहा ननि

नगर निगम की आर्थिक हालत सर्वविदित है लिहाजा वह इस तरह के लंबे खर्च को फिलहाल उठाने की स्थिति में नहीं है। लेदेकर दारोमदार नागरिकों पर ही आता है जिन्हें पीने के पानी को उबालकर या छानकर पीने की सीख दी जाती है। उन्हें खुद पता नहीं होता कि उनके घर में आने वाली पेयजल पाइप लाइन किन-किन नाले- नालियों से होकर आ रही है।

प्रदूषित पानी शहर के लिए बड़ीसमस्या बन चुका है। जब तक पाइप लाइनों को नालियों से अलग शिफ्ट नहीं किया जाता इसी तरह लोग बीमारी सहने मजबूर रहेंगे। संदीप विश्वकर्मा,चेरीताल निवासी।

अमृत योजना के अंतर्गत नई टंकिया व पाइप लाइन बिछाने व घरों से कनेक्शन का काम था, जो हो गया है। पुरानी पाइप लाइनों के लीकेज की शिकायत मिलने पर सुधार करवाया जाता है। कमलेश श्रीवास्तव,कार्यपालन यंत्री,जल विभाग,ननि।

पेयजल आपूर्ति के लिए शुद्ध पेयजल के लिए नगर निगम भारी-भरकम राशि खर्च करता है मगर नालियों से होकर पाइप लाइनों के लिए उसकी बेरुखी शहर के लिए खतरा बन गई है। मुन्ना सोनी,कृष्णा कॉलोनी निवासी।

शहर के हर हिस्से में कहीं न कहीं दूषित पानी लोगों के पेट में जा रहा है और उन्हें बीमार बना रहा है। हैरत की बात है कि इस दिशा में नगर निगम का ध्यान नहीं है। भूरा कनौजिया,त्रिमूर्ति नगर निवासी।