करोड़ों रुपए दबाकर बैठे हैं जनपद और जिपं के अफसर

करोड़ों रुपए दबाकर बैठे हैं जनपद और जिपं के अफसर

भोपाल। ग्रामीण योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर बजट हासिल करने वाले जनपद और जिला पंचायत के अफसरों ने करोड़ों रुपए दबा लिए हैं। इस पर वित्त और पंचायत विभाग ने कड़ा एतराज जताते हुए बैंकों में रखा पाई-पाई का हिसाब मांगा है। दरअसल, ग्रामीण योजनाओं के नाम पर मिलने वाले बजट को लेकर कई अफसर सवालों में घिरे हैं। महालेखाकार ने खुलासा किया है कि जनपद और जिला पंचायतों के माध्यम से योजनाओं की राशि का उपयोग समय पर नहीं किया जा रहा है और बची राशि भी शासन के खजाने में जमा नहीं की जा रही है। इस पर संचालक पंचायत राज संचालनालय ने सभी 52 जिलों और 313 जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से एकल खातों में जमा पैसा मांगा है। ऐसे हुआ था खुलासा सीएजी ने सेंपल के तौर पर कुछ पंचायतों का लेखा-जोखा जांचा था। इससे खुलासा हुआ कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दतिया और जनपद पंचायत अशोकनगर, झिरनिया (खरगौन), पवई (पन्ना), सबलगढ़ (मुरैना), सांची (रायसेन) और ठीकरी (बड़वानी) ने जुलाई 2017 और दिसम्बर 2017 में 18 योजनाओं की 2.37 करोड़ रुपए का उपयोग नहीं किया और इसे बैंक खातों में जमा रखा गया।

राशि को लेकर यह है नियम

शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि अगर उपयोग नहीं होती है तो इसे शर्तों के अनुसार शाासन को समर्पित कर दिया जाना चाहिए। आदेश यह भी हैं कि समय पर राशि वापस नहीं करने पर संबंधित अधिकारी के वेतन से 12 प्रतिशत ब्याज राशि के साथ जमा पैसा वापस लिया जाएगा।