संगीत निर्देशन से लेकर पर्यावरण की फील्ड में साथ निभा रहे जीवनसाथी

संगीत निर्देशन से लेकर पर्यावरण की फील्ड में साथ निभा रहे जीवनसाथी

प्यार और तकरार के बाद भी मोहब्बत दिलों में जवां रहे तो जिंदगी में हर दिन वेलेंटाइन होता है, लेकिन बदलते सामाजिक-आर्थिक समीकरणों में पति-पत्नी के रिश्तों की गर्माहट कम होती जा रही है। सुख-दुख के साथ कुछ सालों में कपल्स रिश्तों में की कमियों को तलाशते नजर आते हैं। जो कपल्स घर के भीतर वो सुकून से नहीं रह पाते उनके लिए ऐसे कपल्स मिसाल हैं जो कि अपने तालमेल से घर-गृहस्थी नहीं बल्कि अपनी प्रोफेशनल जिंदगी भी एक साथ बिताते हैं। यानी इनका साथ 24 घंटे का रहता है और एक साथ काम काम में क्रिएटिव मतभेद या सुझाव देकर इनका रिश्ता और प्रगाढ़ होता चला जाता है क्योंकि वे साथ काम करते हैं तो खुलकर अपनी बात रखने की आजादी भी साझा करते हैं। ऐसे कपल्स का कहना है, जब साथ काम करते हैं तो यह सोचकर चुप नहीं रहते कि दूसरा बुरा मान जाएगा क्योंकि हम जानते हैं कि साथ काम करने में प्रोजेक्ट को लेकर अपने-अपने विचार होना स्वाभाविक है और हम उसका सम्मान करते हैं। इस तरह जिंदगी में हम एक-दूसरे के साथ हर दिन वेलेंटाइन मनाते हैं। पारंपरिक फील्ड्स के अलावा एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन, फिल्म मेंकिंग और म्यूजिक प्रोडक्शन में भी कपल्स साथ काम कर रहे हैं।

मप्र की पहली संगीतकार जोड़ी हम

हम दोनों की साथ में काम करते हुए समझबूझ बहुत अच्छी है। प्रेम व कार्यक्षेत्र दोनों में सम्मान व धैर्य से बात सुनने का संयम जरूरी है और यही हम दोनों के रिश्तें की खासियत है। दोनों की फीलिंग है कि हम दोनों संगीत निर्देशन का काम साथ में जितनी खुशी और उत्साह से करते हैं, उतना मजा किसी और के साथ नहीं आता। हम दोनों में मैं आगे तुम पीछे वाली बात नहीं है। हमारी कंपोजिशन में एक लाइन मेरी तो एक धर्मेश की होती है। खास बात यह भी है कि हम मप्र के पहले कपल हैं, जो साथ में संगीत निर्देशन के क्षेत्र में आए हैं। हमने पहले मप्र स्थापना दिवस समारोह से लेकर झील उत्सव और चौसर फिरंगी में संगीत दिया जिसे अमेजन प्राइम में 60 से अधिक देशों में दिखाया जा रहा है। अब धर्मेश गजल के कार्यक्रम फिर से शुरू किए हैं और मैं लगातार सितार वादन की प्रस्तुतियां भी देती हूं। श्रुति-धर्मेश, म्यूजिक कंपोजर

हर दिन फील्ड पर साथ रहते हैं

मैं और मेरी पत्नी दोनों अलग फील्ड से थे, लेकिन जब मैंने कंटेंट डेवलपमेंट का काम शुरू किया तो अनुराधा के सुझाव मिलने लगे क्योंकि वो आर्टिस्ट है, तब मैंने सोचा कि हमें साथ काम करना चाहिए। हमारा मुख्य काम एनवायरमेंट पर आधारित प्रोजेक्ट का रहा, जिसमें हम दोनों फील्ड पर साथ काम करते हैं। डाक्यूमेंट्री हो या फिल्ममेकिंग अनुराधा ने मेरे साथ रखकर काम में इतनी रुचि दिखाई कि अब वो एडिटिंग का पूरा काम संभालने लगी है। हम कई बार जब फील्ड पर होते हैं तो बच्चों को भी साथ ले जाते हैं। यह सुखद अनुभव है कि हम दोनों के बीच के तालमेल के कारण हम एक साथ कई चैलेंजिंग काम कर पाते हैं,जिसमें कई दिनों तक ऐसी जगहों पर भी रहना होता है, जहां बहुत सुविधाएं नहीं होती। मुझे लगता है कि वेलेंटाइन डे हम रोज मनाते हैं क्योंकि एनवायरनमेंट से जुड़े कामों की वजह से खूबसूरत लोकेशंस पर रहते हैं। -हितेश कुमार, एनवायरनमेंट कंटेंट डेवलपर

साथ काम करने से बॉडिंग बढ़ती रही

हम दोनों पति-पत्नी के बीच बॉडिंग समय के साथ गहराती जा रही है, क्योंकि हम दोनों एक ऐसे काम से जुड़े हैं जो कि भविष्य के लिए जरूरी है। हम बेस्ट आउट आॅफ वेस्ट पर काम करते हैं। जब यह विचार मेरी पत्नी उर्मिला गुप्ता को आया तो मैं उसे काम करते देखता था, फिर लगा कि मुझे भी उसका साथ देना चाहिए। हम दोनों ने मिलकर अपने घर में एक ऐसा गार्डन तैयार किया है जिसमें 1000 से ज्यादा पौधे खाली प्लास्टिक की बोटल, शैंपू और पुराने प्लास्टिक के डिब्बों में लगे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी द्वारा स्वच्छताग्राही, स्वच्छता सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। 60 साल की उम्र पार करने के बाद अब हमारा रिश्ता एक-साथ घंटों साथ में काम करने की वजह से और भी गहरा हो गया है। एक-दूसरे पर गर्व भी कर पाते हैं कि बतौर कपल एक जिम्मेदारी समाज के लिए निभा रहे हैं। -अनिल गुप्ता, सेवानिवृत्त अधिकारी, भेल