कोई बुजुर्ग भूखा न सोए इसलिए खुद के पैसों से किराए का कमरा लेकर शुरू किया वृद्धाश्रम

कोई बुजुर्ग भूखा न सोए इसलिए खुद के पैसों से किराए का कमरा लेकर शुरू किया वृद्धाश्रम

इंदौर। गरीब, बेसहारा बुजुर्गों की सेवा करने के जज्बे के चलते इंदौर की रेखा सुराणा ने न केवल स्वयं का वृद्धाश्रम खोला, बल्कि अब वे यहां करीब 40 जरूरतमंद वृद्धों को रखकर उनकी देखरेख भी कर रही हैं। राजस्थान की रेखा का विवाह इंदौर में हुआ। यहां पति पंकज की मदद से किराए का कमरा लेकर केवल दो निराश्रित बुजुर्गों के साथ वृद्धाश्रम शुरू किया था। इसलिए बना मन: दरअसल, रेखा एक निराश्रित बुजुर्ग महिला को लेकर शहर के वृद्धाश्रम में पहुंची थीं, लेकिन वहां के संचालकों ने उसे न केवल रखने मना कर दिया, बल्कि यह भी बोल दिया कि गरीबों पर प्रेम है तो खुद वृद्धाश्रम खोल लो? यही बात रेखा को चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि वृद्धाश्रम खोलना है। वे बताती हैं कि इस काम के लिए पति ने एक ग्रुप बनाया, जिसमें नौ लोग थे। डिसाइड हुआ खुद पैसा लगाकर इसे शुरू करना है। किराए पर मकान लिया, सब तरह की सुविधाएं जुटाई और एयरपोर्ट रोड पर अंबिकापुरी में वृद्धाश्रम खोला।

योग, पीटी से शुरुआत

रेखा के अनुसार, वृद्धाश्रम में रोज सुबह योग व पीटी से शुरुआत होती है। यहां निवास करने वाले अपना घर खुद साफ करते है। सुबह की चाय भी यहीं बनाते हैं। खाना बनाने को बाई आती है, जिसे यह लोग सहयोग देते हैं। यहां रहने वाले पेपर बैग बनाना, मोतियों की माला, मिट्टी के दीपक, गणेश जी, राखी का निर्माण जैसे कार्य करते हैं। रेखा समय-समय पर इन्हें भ्रमण पर ले जाती है। यहां एक कपल भी है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।