कोविड में शुरू की चित्रकारी, अब मेंटल पीस के लिए आ रही काम

कोविड में शुरू की चित्रकारी, अब मेंटल पीस के लिए आ रही काम

I am Bhopal युवाओं के बीच चित्रकारी का शौक दिन पर दिन बढ़ता नजर आ रहा है। इसके पीछे एक कारण कोविड के दौरान लगा लॉकडाउन भी रहा जब युवाओं ने अपने मन की भावनाओं को कैनवास पर उकेरना शुरू किया और महामारी के बाद इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। स्वराभ भवन में चल रही आर्ट नोवा राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन भोपाल कलाचार आर्टिस्ट वेलफेयर सोसायटी 9 फरवरी तक किया गया है। प्रदर्शनी में आए कलाकार ऋषि बाथम, अदिति, दीपा साहू, सीमा पटेल ने बताया कि यह शौक के रूप में कहीं न कहीं जेहन में था लेकिन अब कोविड के बाद से इसे ज्यादा समय देना शुरू किया और सीखना भी शुरू किया क्योंकि यह बहुत रिलेक्स करने वाला आर्ट है। कितनी भी दिमागी उथल-पुथल हो, रंगों के साथ कुछ लकीरें भी खींचने लगे तो दिमाग हल्का होना शुरू हो जाता है। आड़ी-तिरछी रेखाएं भी सुकून देने लगती हैं और जब पूरी तरह से मन में उतर जाता है तो इससे अच्छा कुछ नहीं होता। रंगों का असर ब्रेन पर बहुत सकारात्मक होता है।

वन विहार में होगी लैंडस्केप पेंटिंग

इस आयोजन के क्यूरेटर हर्ष यादव और सह - संयोजक शुभम राज सरल और मेघा वर्मा है। हर्ष कहते हैं, प्रदर्शनी में लोक शैलियां जैसे मधुबनी ,वर्ली ,गोंड, पट्टचित्र के साथ आधुनिक शैली और विभिन्न कला माध्यमों की 80 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। गुरुवार को कलाकर वन विहार का भ्रमण करेंगे और ओपन एयर वॉटर कलर लैंडस्केप पेंटिंग करेंगे।

द लवर टाइटल से की पेंटिंग

मैंने द लवर टाइटल से पेंटिंग प्रदर्शित की है, जिसमें दो कपल को अलग-अलग कैनवास पर दिखाया है। ब्लैक बैकग्राउंड के ऊपर पीले और नारंगी रंगों से इस्तेमाल से विचारशील मुद्रा में दिख रहे जोड़े को दिखाया है। शुभम राज सरल, आर्टिस्ट

चारकोल से बनाए नंदी-गाय

मैंने चारकोल पेंटिंग की है, इसमें नंदी और गाय को दिखाया गया है जिसमें उनके शरीर की तरह ऊपरी परत को चारकोल से बनाया है जिसमें शेडिंग टेक्नीक का काफी इस्तेमाल किया है। पोशिता मिश्रा, आर्टिस्ट

वर्ली व कंटेंपरेरी आर्ट किया

मैंने वर्ली, मधुबनी व कंटेपरेरी सभी आर्ट फॉर्म में चित्र प्रदर्शित किए हैं। मैं पेंटिंग हर दिन करने की कोशिश करता हूं क्योंकि इसके विचार दिमाग में आते रहते हैं और कैनवास पर उतार कर ही अच्छा महसूस होता है। विशाल धीवर, आर्टिस्ट