दूसरे दिन थमे रहे यात्री बसों के पहिए, ड्राइवर बोले-मजदूरी कर लेंगे, बस नहीं चलाएंगे

दूसरे दिन थमे रहे यात्री बसों के पहिए, ड्राइवर बोले-मजदूरी कर लेंगे, बस नहीं चलाएंगे

ग्वालियर। हिट एंड रन कानून के विरोध में दूसरे दिन भी यात्री बसों के पहिए थमे रहे। अंतरराज्यीय और झांसी रोड बस स्टैंड पर सन्नाटा रहा, यहां यात्री जरूर पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। ड्राइवरों कह रहे हैं कि दुर्घटना होने पर गलती बस ड्राइवर की ही मानी जाती है, चाहे गलती दो या चार पहिया चलाने वाले की हो। हम 10 लाख रुपए जुर्माना भरने की स्थिति में नहीं हैं। अगर कानून में बदलाव नहीं होता है तो ड्राइविंग लाइसेंस सरेंडर करेंगे और परिवार पालने के लिए मजदूरी करेंगे। इससे जेल जाने का डर तो नहीं रहेगा। वहीं शहरी परिवहन मंगलवार से बहाल हो गया है।

बस मालिकों पर बना रहे दबाव, कुछ होता है आपको देखना होगा: बस ड्राइवर मालिकों पर इस बात का दबाव बना रहे हैं कि बस चलाने के दौरान दुर्घटना होती है तो जुर्माना भरने से लेकर उसके जेल में रहने तक परिवार का पालन-पोषण उन्हें करना होगा। बस मालिक इस पर तैयार नहीं हैं। ड्राइवरों को सुरक्षा मिलने तक बस चलाने को वह तैयार नहीं हैं। बता दें कि कानून में तीन महीने तक जमानत नहीं है।

ट्रांसपोर्ट नगर में 30 से 40 फीसदी ट्रक खड़े

हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक चलाने वाले चालक हड़ताल पर हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं। ट्रांसपोर्ट नगर में 30 से 40 फीसदी ट्रक खड़े हुए हैं। ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष अशोक सिंह कंसाना का कहना है कि ट्रक चलाने वाले चालक पूरी तरह से हड़ताल पर नहीं हैं। चालकों को समझाइश दी जा रही है कि कानून 1 अप्रैल से लागू होगा, हो सकता है कि तब तक केंद्र सरकार कानून में संशोधन कर दे। ट्रांसपोर्टर अशोक चावला का कहना है कि उनकी पांच गाड़ियां हैं मगर ड्राइवर गाड़ी चलाने को तैयार नहीं है।

ड्राइवर बस चलाने को तैयार नहीं हैं, इसलिए कानून में संशोधन होने तक हड़ताल खत्म होने वाली नहीं है, बसें नहीं चलने से लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार को कानून में थोड़ा लचीलापन लाना चाहिए। ड्राइवर कानून में संशोधन नहीं होने पर ड्राइंिवग लाइसेंस सरेंडर करके मजदूरी की बात कह रहे हैं। बलबीर सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष म.प्र. बस ऑपरेटर यूनियन