क्या करें साहब, काम नहीं मिलता, फिर जाएंगे वापस

क्या करें साहब, काम नहीं मिलता, फिर जाएंगे वापस

जबलपुर । क्या करें साहब,काम मिल नहीं रहा,जहां से जान बचाकर आए थे,अब वहीं जाना होगा। यह व्यथा है राज्य से बाहर से आए मजदूरों की। सरकार ने जोरशोर से दावा किया था कि प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिलों में ही काम देंगे। इसके लिए बाकायदा प्रवासी मजदूरों के पंजीयन हुए। 11 उद्योगपतियों,फैक्टरी मालिकों ने लिखित में सहमति भी दी कि वे इन मजदूरों को उनकी योग्यता के हिसाब से काम देंगे। मप्र सरकार ने 27 जून से रोजगारसेतु पोर्टल की शुरूआत की थी जिसमें प्रवासी श्रमिकों को ढूंढ-ढूंढकर पंजीयन करवाए गए थे। इसमें जिले में देश के विभिन्न राज्यों से आए 6652 प्रवासी मजदूर का पंजीयन करवाया गया लेकिन रोजगार मिला सिर्फ 1 दर्जन को। लंबे समय से काम न मिलने के कारण भूखे मरने की कगारपर आ चुके इन मजदूरों को वापस वहीं जाने की योजना बनाना पड़ रही है जहां से वे जान बचाकर लौटे थे।

ये है काम न मिलने की वजह

अनलॉक होने और इसके पहले ही शहर के आधे उद्योगों को शुरू करवा दिया गया था,अनलॉक के बाद शहर की करीब पांच सैकड़ा इकाइयां शुरू हो ग हैं मगर उत्पादों की बिक्री न होने,कच्चे माल की आपूर्ति में असुविधा होने के चलते वे नाम के लिए ही उद्योगों का संचालन कर रहे हैं। वहीं प्रवासी मजदूरों को रोजगार न मिलने से वे मजबूरी में जहां से आए थे वहां जाने के विचार में हैं।

जो जहां वहीं रोजगार की थी मंशा

सरकार की मंशा थी कि जो मजदूर जिस राज्य का है वहीं उसे रोजगार दिया जाए। इसके लिए संबंधित शहरों में संचालित निजी उद्योग व सरकारी व अर्ध सरकारी उपक्रमों में रोजगार दिए जाने के लिए संचालकों से संपर्क भी किया गया था और उन्होंने इसके लिए सहमति भी दी थी,मगर मंदी के चलते वे अपना वादा नहीं निभा पाए।शहर में इसके लिए 11 ठेकेदार श्रेणी के संचालकों ने पंजीयन भी करवाया था।

27 जून से शुरू हुई थी योजना

प्रवासी मजदूरों को योग्यता एवं रुचि के अनुसार उनकी निवास की जगहों पर रोजगार मुहैया करवाने ये योजना पिछले महीने 27 जून से पूरे प्रदेश में शुरू की गई थी। सके अंतर्गत श्रमिकों के लिए एक रजिस्टर भी तैयार किया गया है जिसमें उनका नाम,पता, आधार कार्ड नंबर,पूर्व रोजगार एवं उससे होने वाली आय के अलावा समग्र आईडी का पंजीयन किया जाता है। इसके बाद उन्हें भवन निर्माण,कपड़ा उद्योग, विभिन्न फैक्ट्रियों,ईट-भट्टों एवं होटल्स आदि सहित 11 उपक्रमों से जुड़े नियोक्ताओं के यहां काम देने की व्यवस्था की गई थी।